Edited By Updated: 09 Jan, 2017 03:13 PM
नोटबंदी के मुद्दे पर जेडीयू का नरम रुख कायम है। यही वजह है कि मोदी द्वारा मांगे गए 50 दिन की मियाद खत्म होने के बाद।
नई दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर जेडीयू का नरम रुख कायम है। यही वजह है कि मोदी द्वारा मांगे गए 50 दिन की मियाद खत्म होने के बाद भी जेडीयू नोटबंदी पर समीक्षा नहीं कर सकी है। कम से कम इस माह तो यह कार्य संभव भी नहीं दिखाई दे रहा है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी 21 जनवरी को होने वाले शराब बंदी जागरूकता मानव श्रृंखला के आयोजन और उसके बाद कर्पूरी जयंती समारोह की तैयारियों में जुटी है। इस वजह से नोटबंदी के फैसले की समीक्षा जनवरी के अंत तक टाल दी गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आम लोगों को हो रही परेशानियां अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। नीतीश कुमार ने बीते दिसंबर में नोटबंदी के फैसले समीक्षा करने की बात कही थी।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने नीतीश कुमार की घोषणा पर सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा करने की बात कहने के साथ यह भी कहा था कि वो 50 दिन की मियाद पूरी होने के तुरंत बाद इसकी समीक्षा नहीं करेंगे, क्योंकि राज्य में अभी कई जरूरी आयोजन होने वाले हैं, जिसको लेकर वह व्यस्त हैं। ऐसे में नोटबंदी की समीक्षा अब जनवरी के अंतिम सप्ताह में की जाएगी। 5 जनवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ की थी। शायद यही वजह है कि राजनीति के जानकार जदयू के इस फैसले को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।