Edited By Updated: 27 Jan, 2017 01:44 PM
पूर्वी चंपारण में पटरियों के उड़ाने, इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और गत सप्ताह कोनेरु रेल दुर्घटना मामले की जांच कर रहे।
नई दिल्ली : पूर्वी चंपारण में पटरियों के उड़ाने, इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और गत सप्ताह कोनेरु रेल दुर्घटना मामले की जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार पुलिस के जांच को सही ठहराते हुए भारत में रेल दुर्घटनाओं के पीछे आईएसआई के होने की बात को स्वीकार किया है। एजेंसी के अनुसार इस जांच में आईएसआई का एंगल बिल्कुल सही है जो बिहार पुलिस ने अपनी जांच के बाद बताया। गणतंत्र दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय ने रेल दुर्घटनाओं की जांच एनआईए को सौंप दी।
हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ
इस हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात बिहार के पूर्वी चंपारण से पकड़े गए 3 बदमाशों-मोती पासवान, उमाशंकर पटेल तथा मुकेश यादव से पूछताछ में सामने आई थी। इन तीनों ने पुलिस को बताया था उन्हें घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर आईईडी लगाने के लिए आईएसआई की ओर से 3 लाख रुपए दिए गए थे। हालांकि इस आईईडी को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट के पहले ही बरामद कर लिया गया था।
गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंपा जांच का जिम्मा
बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 3 अपराधियों में से एक उमाशंकर पटेल ने गिरी से संपर्क करने के बाद अगस्त में हुदा व शेख दोनों से बात की थी जो उस वक्त दुबई में थे। उन्होंने भारत में रेल दुर्घटनाओं के लिए पटरियों पर आईईडी बिछाने की साजिश की। एनआईए ने अपने जांच के दौरान शमसुल हुदा और आईएसआई से जुड़े कराची के शफी शेख को हिरासत में लेने की योजना भी बनाई है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु के आग्रह के बाद गृह मंत्री राजनाथ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हाल के ट्रेन हादसों के पीछे तोडफ़ोड़ की आशंकाओं की जांच करने को कहा है।