Edited By Updated: 27 Feb, 2017 03:44 PM
बिहार के नौकरशाहों ने एक बड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि वह किसी का भी मौखिक आदेश नहीं मानेंगे, चाहे वह खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही क्यों न हों।
पटना : बिहार के नौकरशाहों ने एक बड़ा ऐलान किया है। उनका कहना है कि वह किसी का भी मौखिक आदेश नहीं मानेंगे, चाहे वह खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि वह आदेश तभी मानेंगे, जब वह लिखित में होगा। यह फैसला पेपर लीक मामले में बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन के चेयरमैन सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के 2 दिन बाद हुई आईएसएस एसोसिएशन की मीटिंग में लिया गया। उनका कहना है कि कुमार को फंसाया गया है। उन्होंने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कहा गया कि वह किसी भी बोर्ड के चेयरमैन का पद स्वीकार नहीं करेंगे और जेल में बंद भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुधीर कुमार के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सभी कानूनी खर्चों का वहन करेंगे।
हाथ पर ब्लैक बैंड बांधकर करेंगे विरोध
उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, वह विरोध जताने के लिए हाथ पर ब्लैक बैंड बांधेंगे। 24 फरवरी को सुधीर कुमार को गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी ने उनके जिन रिश्तेदारों को हिरासत में लिया था, उनमें सुधीर कुमार के भाई, भाई की पत्नी, भांजा और उसकी बहू भी शामिल हैं। सुधीर कुमार के भाई अवधेश कुमार पटना वीमेन्स कालेज में प्रोफेसर हैं। इस बार की परीक्षा में सुधीर कुमार का भांजा और बहू भी शामिल हुए थे। आयोग के सचिव परमेश्वर राम पहले से ही एसआईटी की गिरफ्त में हैं।
सूत्र ने बताया था कि सुधीर कुमार पर्चा लीक कांड और आयोग में नियुक्ति में हो रही धांधली के मामले में कुछ राजनेताओं का नाम उजागर कर सकते हैं। सुधीर कुमार ने पहले ही कहा था कि नौकरी के सिलसिले में कई नेताओं के फोन उन्हें आते थे और उन पर दबाव बनाया जाता था। एसआईटी ने 23 फरवरी को ही पर्चा लीक का गुजरात कनेक्शन निकालकर एक शख्स को गिरफ्तार किया था। अहमदाबाद से एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को एसआईटी के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था जिसके प्रेस में बिहार एसएससी का पेपर छपता था।