Edited By Updated: 25 Jun, 2016 05:28 PM
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आज केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार से संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की।
पटना: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आज केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार से संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिय़ा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विहिप ने दो साल तक नरेंद्र मोदी सरकार को काम करने का मौका दिया और इस दौरान वह कभी भी कुछ नहीं बोले लेकिन अब समय आ गया है कि मोदी सरकार भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में वर्ष 1987 में हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति के प्रस्ताव के अनुरूप अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद से कानून पास कराये।
डा. तोगडिय़ा ने कहा कि 1987 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित किया था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संसद से कानून बनाया जाये। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी वचन के पक्के और सच्चे हैं। वह संसद में इस संबंध में कानून बनाकर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के संबंध में विहिप न्यायालय के आधार पर निर्णय नहीं चाहता है। इसका फैसला कानून बनाकर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर के निर्माण का फैसला भी न्यायालय से नहीं हुआ था बल्कि यह तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की ²ढ़ इच्छा शक्ति का नतीजा था।
डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री मोदी स्वा. डॉ. प्रसाद और स्वा. पटेल के पद चिह्नों पर चलेंगे और करोड़ों हिन्दुओं की भावना के अनुरूप निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पोटा कानून को पास कराने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई गयी थी उसी तरह इसके लिए भी सरकार संयुक्त सत्र बुला सकती है। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष से जब यह पूछा गया कि इसके लिए वह सरकार को कितना समय देंगे इसपर उन्होंने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि सरकार इस संबंध में शीघ्र कानून बनाये। उनसे जब यह पूछा गया कि सरकार यदि कानून नहीं बनाती है तो विहिप की क्या रणनीति होगी इसपर डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि जब ऐसा होगा तब वह इसपर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे।