Edited By Nitika, Updated: 18 Nov, 2020 02:57 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं एवं पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनका अभिवादन स्वीकार किया। इस अवसर पर जदयू के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं एवं पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनका अभिवादन स्वीकार किया। इस अवसर पर जदयू के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश को शुभकामनाएं दी। वहीं मुख्यमंत्री ने सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए आभार जताया।
इस मौके पर राजस्थान से निर्दलीय सांसद मोहन भाई डेलवर एवं राजस्थान जदयू प्रदेश अध्यक्ष धर्मेश सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत की बधाई दी एवं उन्हें वर्ली पेंटिंग भेंट की। वहीं, कर्नाटक जदयू के प्रदेश अध्यक्ष महिमा पाटिल, कर्नाटक जदयू विधि प्रकोष्ठ के सलाहकार दीपक नारद एवं कर्नाटक जदयू के कार्यकर्ता धनंजय ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पार्टी कार्यालय में राज्य सरकार में मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, मेवा लाल चौधरी, शीला कुमारी, सांसद आरसीपी सिंह, पूर्व मंत्री संजय झा सहित पार्टी के अन्य नेतागण मौजूद थे।
वहीं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको मिलकर फिर से बिहार की प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुनः जो जिम्मेदारी मिली है, उसको आगे बढाने के लिए हमलोगों को पूरी कोशिश करनी है, अपने कर्तव्य को हमलोग पूरी गंभीरता से निभाएंगे। बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के नेता नीतीश ने रिकॉर्ड सातवीं बार सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू प्रदेश मुख्यालय के मुख्यद्वार पर हालांकि नीतीश तस्वीर के साथ लगाए गए होर्डिंग में कहा गया था कि "जिसे परखा है, उसी को चुनेंगे" पर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए भी सुना गया कि "निराश" होने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि जदयू ने बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से राजग में सीट बंटवारे के तहत 115 सीटों पर चुनाव लडा था पर 43 सीट ही जीत पाई। सीटों की संख्या के मामले में जदयू को उसकी सहयोगी भाजपा (74) और विपक्षी पार्टी राजद (75) ने पीछे छोड दिया और इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रही।