Edited By Ramanjot, Updated: 22 Jun, 2021 07:19 PM
लोजपा में मची हलचल के बाद कांग्रेस विधायकों के दल बदलने की खबर भी सामने आ रही थी। इसके चलते अचानक से पार्टी आलाकमान जाग गया और पार्टी को सहेजने लगा। इसी कड़ी में बिहार कांग्रस के सभी विधायकों को अब दिल्ली बुलाया जाएगा और सोनिया गांधी के सामने उनकी...
पटनाः बिहार में इन दिनों मचे सियासी घमासान के कारण छोटे दलों में भी डर का माहौल पैदा हो गया है। विपक्ष के साथ एनडीए के घटक दलों को भी इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं उनकी भी पार्टी टूट न जाए। इसके चलते सभी पार्टियां अपना आप समेटने में लग गई हैं। साथ ही सत्ता पक्ष के खिलाफ बयानबाजी भी बंद कर दी है।
दरअसल, लोजपा में मची हलचल के बाद कांग्रेस विधायकों के दल बदलने की खबर भी सामने आ रही थी। इसके चलते अचानक से पार्टी आलाकमान जाग गया और पार्टी को सहेजने लगा। इसी कड़ी में बिहार कांग्रस के सभी विधायकों को अब दिल्ली बुलाया जाएगा और सोनिया गांधी के सामने उनकी हाजिरी लगेगी। वहीं अगर ओवैसी की पार्टी AIMIM को देखा जाए तो यह पार्टी सीमांचल इलाके में प्रभावी है। इस दल के सभी 5 विधायकों को अलग-अलग नहीं जाने दिया जाता। यह पांचों एक साथ चलते हैं।
विपक्ष को छोड़ सत्ता पक्ष की बात करें तो एनडीए में शामिल घटक दलों में अपनी बयानबाजी पर विराम लगा दिया है। जैसे कि एनडीए के घटक दल हम (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पिछले दिनों भाजपा और जदयू पर सवाल उठाए थे, लेकिन अब वह शांत दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने वाले वीआईपी के मुकेश सहनी भी खामोश हो गए हैं।