Edited By Mamta Yadav, Updated: 07 Dec, 2024 02:22 AM
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ”रिवर रैंचिंग कार्यक्रम” द्वितीय चरण का विधिवत शुभारंभ समस्तीपुर के गंगा नदी में किया गया। जिसके अंतर्गत कुल लक्ष्य 386000 के आलोक में 41976 जीवित मत्स्य अंगुलिका साईज 8-10 ग्राम गंगा नदी में प्रवाहित की गई। इस...
Patna News: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ”रिवर रैंचिंग कार्यक्रम” द्वितीय चरण का विधिवत शुभारंभ समस्तीपुर के गंगा नदी में किया गया। जिसके अंतर्गत कुल लक्ष्य 386000 के आलोक में 41976 जीवित मत्स्य अंगुलिका साईज 8-10 ग्राम गंगा नदी में प्रवाहित की गई। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन जलीय जीवों, विशेषकर मछलियों के प्रजनन और पालन के लिए किया जाता है। यह एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है, जो नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखते हुए मछली उत्पादन को बढ़ावा देता है। स्वस्थ और विविध जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है।
रिवर रैंचिंग से मछलियों के प्राकृतिक स्थानों का संरक्षण होता है, जिससे जल पारिस्थितिक तंत्र संतुलित रहता है। यह स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार सृजन कर सकता है और मछली पालन के माध्यम से आय के नए स्रोत प्रदान कर सकता है, नदियों में घट रही मछलियों की संख्या बढ़ाना है । जिससे मछुआरों के आजीविका में वृद्धि हो सके, इस प्रक्रिया से स्थानीय समुदायों में मछली पालन के ज्ञान और कौशल का विकास होता है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होता है। इस मौके पर विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार बिमल प्रसाद, उप-मत्स्य निदेषक, दरभंगा परिक्षेत्र दरभंगा ने बताया कि गंगा नदी के बड़ी मछलियों को संग्रह कर मत्स्य हैचरी पर प्रजनन कराया गया एवं उचित देखभाल के उपरांत 8-10 ग्राम साईज के मछलियों के बच्चे को नदी में डाला जा रहा है, जिससे नदियों में अन्य जीवो का षिकार न हो और उत्तरजीविता में वृद्धि बनी रहे। इस मौके पर अन्य पदाधिकारियों में (1) अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) समस्तीपुर, (2) मो0 नियाज उद्दीन, जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, समस्तीपुर के अतिरिक्त स्थानीय जन-प्रतिनिधि मुखिया, पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं प्रखंड मत्यजीवी सहयोग समिति लि0 के मंत्री एवं अध्यक्षगण भी उपस्थित थे।