‘रखरखाव' से वंचित संपत्तियों को जल्द ही चिह्नित करेगी बिहार सरकार, मंत्री श्रवण कुमार ने दी जानकारी

Edited By Ramanjot, Updated: 03 Mar, 2022 11:15 AM

bihar government will identify properties deprived of  maintenance

बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सदन को सूचित किया कि सभी जिला योजना अधिकारियों को पिछले दस वर्षों में अपने-अपने जिलों में केवीवाई के तहत बनाई गई ऐसी संपत्तियों की एक विस्तृत सूची तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसका रखरखाव राज्य सरकार के...

पटनाः बिहार सरकार जल्द ही उन संपत्तियों को चिह्नित करेगी जो ‘मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना' (एमएमकेवीवाई) के तहत बनाई गई थीं, लेकिन राज्य के किसी प्राधिकार द्वारा उनका ‘रखरखाव' नहीं किया जा रहा है। राज्य विधानसभा को बुधवार को इस बारे में सूचित किया गया। विधायक/विधान पार्षद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के 2011-12 में बंद होने के बाद राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र विकास योजना (केवीवाई) की शुरुआत की गई थी।

बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सदन को सूचित किया कि सभी जिला योजना अधिकारियों को पिछले दस वर्षों में अपने-अपने जिलों में केवीवाई के तहत बनाई गई ऐसी संपत्तियों की एक विस्तृत सूची तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसका रखरखाव राज्य सरकार के किसी भी विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘जिला योजना अधिकारियों से ऐसी संपत्तियों का विवरण एकत्र करने के बाद, विभाग उन अधिकारियों के नाम अधिसूचित करेगा जो उनका रखरखाव करेंगे। राज्य सरकार बिहार में ग्रामीण सड़कों के रखरखाव के लिए पहले ही ‘बिहार ग्रामीण सड़क रखरखाव नीति' शुरू कर चुकी है।''

मंत्री श्रवण कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नीतीश मिश्रा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने दावा किया था कि बिहार सरकार द्वारा ‘रखरखाव नीति' नहीं बनाने के कारण राज्य में केवीवाई के तहत बनाई गई कई करोड़ की संपत्तियों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकार से कहा कि वह सदन को ऐसी संपत्तियों और उनके रखरखाव के लिए अगर कोई नीति है तो उस बारे में सूचित करे।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!