Edited By Ramanjot, Updated: 19 Jul, 2025 08:27 PM

बिहार अब केवल कृषि आधारित राज्य नहीं रहा, बल्कि देश का एक नया औद्योगिक केंद्र बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है।
पटना: बिहार अब केवल कृषि आधारित राज्य नहीं रहा, बल्कि देश का एक नया औद्योगिक केंद्र बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहा है। 13 करोड़ से अधिक आबादी और देश के सबसे युवा राज्य होने के कारण बिहार का कंज्यूमर मार्केट बहुत बड़ा है, और सरकार इसे और विस्तारित करने के लिए सतत प्रयास कर रही है।
पहले यह धारणा थी कि बिहार में बड़े पैमाने पर निवेश संभव नहीं है, लेकिन नीतीश सरकार की स्पष्ट और अनुकूल औद्योगिक नीतियों की वजह से ये धारणा बदल गई है। आज बिहार फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा, पर्यटन, आईटी और बायोफ्यूल्स जैसे क्षेत्रों में निवेश का पसंदीदा स्थल बन चुका है। बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 इसका बड़ा उदाहरण है, जिसमें 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुए और 423 कंपनियों ने भाग लिया।
बिहार स्टार्टअप नीति युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। इस नीति के तहत 10 वर्षों के लिए 10 लाख रुपये तक की ब्याजमुक्त सहायता दी जा रही है। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए भी सहायता दे रही है जिससे गया और पटना जैसे शहर इंडस्ट्री हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहे हैं।
बिहार में उद्योग लगाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया है। निवेशकों को मात्र 7 दिनों के भीतर भूमि आवंटन किया जा रहा है। साथ ही, प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल शेड जैसे सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे उद्योग जल्द शुरू किए जा सकें।
बिहार सरकार निवेशकों को पूंजी सब्सिडी, बिजली शुल्क में छूट, रोजगार सृजन अनुदान, टैक्स राहत, ब्याज प्रतिपूर्ति, पेटेंट सहायता जैसी सुविधाएं ओर विशेष अनुदान जैसे लाभ भी प्रदान कर रहा है।
बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। यहां 8 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है और 60 और इकाइयां भविष्य में शुरू होने वाली हैं। बॉयोफ्यूल्स को प्रोत्साहन देने के लिए नीति बनाई गई है जिसके तहत 5 करोड़ तक की सब्सिडी दी जाती है। बिहार की लेदर एंड टेक्स्टाईल नीति के तहत 10 करोड़ रुपये, और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए नीति के तहत उद्यमियों को 25 करोड़ तक की सब्सिडी और 60 करोड़ तक की ब्याजमुक्त प्रतिपूर्ति देती है। टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स, आईटी और पर्यटन के क्षेत्र में भी राज्य सरकार विशेष सब्सिडी और नीतियों से निवेश को बढ़ावा दे रही है।