Edited By Ramanjot, Updated: 19 Jul, 2025 07:27 PM

राज्य में निबंधित ऐसे एनजीओ और सोसायटी जो कागजों पर तो मौजूद हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं कर रहे उनके निबंधन रद्द करने की तैयारी हो गई है। ऐसे कागजी संस्थानों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है।
पटना:राज्य में निबंधित ऐसे एनजीओ और सोसायटी जो कागजों पर तो मौजूद हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं कर रहे उनके निबंधन रद्द करने की तैयारी हो गई है। ऐसे कागजी संस्थानों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग उन संस्थाओं को चिन्हित कर रहा है, जो वर्षों से निष्क्रिय हैं या जिनका पता बदल गया है या जो निर्धारित आधार पर काम नहीं कर रहें हैं।
दस वर्षों में 4570 एनजीओ का हुआ ऑनलाइन निबंधन
राज्य में वर्ष 1860 से 2016 तक कुल 34 हजार 776 एनजीओ का निबंधन हुआ है। वर्ष 2016 के बाद ऑनलाइन निबंधन की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली, जिसके तहत अबतक कुल 4570 एनजीओ और 1771 फर्म निबंधित किए गए हैं।
एनजीओ और फर्म में अंतर
एनजीओ और फर्म दोनों गैर-सरकारी संगठन हैं। एनजीओ समाज के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर काम करते हैं, जबकि फर्म दो या दो से अधिक व्यक्तियों से शुरू की जाती है और अपने लाभ के लिए काम करती है। देशभर में क्रियाशील एनजीओ के लिए 25 हजार और राज्यस्तर के लिए 15 हजार रुपए शुल्क निर्धारित है। वहीं, फर्म के लिए एक हजार रुपए शुल्क लिया जाता है।
एनजीओ के ऑनलाईन निबंधन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आमसभा का प्रस्ताव जो कार्यकारिणी के दो पदधारकों द्वारा सत्यापित हो।
- स्मृति पत्र, जिसमें कार्यकारिणी सूची और आकांक्षी सूची सलंग्न हो।
- कार्यकारिणी सूची- पदधारकों का नाम, पिता का नाम, पता, पेशा, पदनाम और स्वहस्ताक्षरित फोटो।
- आकांक्षी सूची- सदस्यों का नाम, पिता का नाम, पेशा, स्वहस्ताक्षरित फोटो और हस्ताक्षर।
- नियमावली में कम से कम तीन पदधारकों द्वारा सत्यापित होना चाहिए।
- कार्यालय प्रमाण-पत्र- अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, वार्ड पार्षद, ग्राम पंचायत के मुखिया, नगर पंचायत, नगर निगम के पदाधिकारी की ओर से जारी।