Edited By Ramanjot, Updated: 10 Dec, 2020 05:59 PM
बिहार में जल्द ही नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने वाला है, लेकिन एनडीए में शामिल भाजपा और जदयू के बीच इसे लेकर पेंच फंसा हुआ है। बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भाजपा अपना दबदबा बनाना चाहती है। विधानसभा अध्यक्ष का पद लेने के बाद...
पटनाः बिहार में जल्द ही नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने वाला है, लेकिन एनडीए में शामिल भाजपा और जदयू के बीच इसे लेकर पेंच फंसा हुआ है। बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भाजपा अपना दबदबा बनाना चाहती है। विधानसभा अध्यक्ष का पद लेने के बाद अब भाजपा मंत्रियों की संख्या भी ज्यादा मांग रही है।
भाजपा का कहना है कि बिहार सरकार में पार्टी के मंत्रियों की संख्या ज्यादा होनी चाहिए। उनका कहना है कि चाहे विभागों की संख्या बराबर रहे, लेकिन मंत्रियों की संख्या ज्यादा हो। इतना ही नहीं, विधान परिषद की मनोनयन वाली और विधानसभा कोटे की सीटों पर भी भाजपा ज्यादा हिस्सेदारी मांग रही है। विधान परिषद में अभी 18 सीटें खाली हैं, जिनमें से 8 से 10 सीटें भाजपा मांग रही है। अभी तक विधान परिषद के कोटे में भाजपा को अधिकतम मनोनयन कोटे में पांच सीटें ही मिली हैं। विधानसभा कोटे की भाजपा की दो सीटें खाली हुई है।
जदयू और भाजपा के बीच चल रही खींचतान के कारण कैबिनेट की बैठक तीन सप्ताह से नहीं हो रही है। बता दें कि बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 है। इसके आधार पर 15 फीसद विधायक मंत्री बन सकते हैं। फिलहाल कैबिनेट में 14 मंत्री हैं, जिनमें भाजपा के 7, जदयू के 5, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इनसान पार्टी के एक-एक मंत्री शामिल है।