Edited By Ramanjot, Updated: 11 Oct, 2021 01:47 PM
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और अंतररष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को यूनिसेफ की वैश्विक रिपोटर् ‘द स्टेट ऑफ द वल्डर्स चिल्ड्रेन 2021 (ऑन माई माइंड) प्रोमोटिंग, प्रोटेक्टिंग एंड केयरिंग फॉर चिल्ड्रेन्स मेंटल हेल्थ'' को एक ऑनलाइन...
पटनाः संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक महामारी कोविड-19 का बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और अंतररष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को यूनिसेफ की वैश्विक रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ द वल्डर्स चिल्ड्रेन 2021 (ऑन माई माइंड) प्रोमोटिंग, प्रोटेक्टिंग एंड केयरिंग फॉर चिल्ड्रेन्स मेंटल हेल्थ' को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में यूनिसेफ बिहार की राज्य प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने बिहार सरकार के अधिकारियों की मौजूदगी में जारी किया।
इस मौके पर शफीक ने स्वास्थ्य बजट में मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवंटन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्ष 2019 में इंडियन जर्नल ऑफ साइकेट्री की रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल स्वास्थ्य बजट का केवल 0.05 फीसदी मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च किया जाता है। इस संदर्भ में लैंगिक असमानता को दूर करना भी काफी महत्वपूर्ण है।
शफीक ने 2015-16 और 2018-19 में पापुलेशन काउंसिल द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश में 10-19 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के बीच किए गए अध्ययन ‘‘अंडरस्टैंडिंग द लाइवस ऑफ एडोलैसैंट्स एंड यंग एडल्ट्स (उदय)'' का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के 4,578 उत्तरदाताओं (1531 लड़के, 3047 लड़कियां) में से 25.6 फीसदी लड़कियों और 7.8 फीसदी लड़कों ने आत्मघाती व्यवहार की जानकारी दी। लड़कियों की कम उम्र में शादी से उनकी स्थिति और भी खराब हो जाती है।