Edited By Ramanjot, Updated: 08 May, 2021 04:02 PM
दरअसल, मामला जिले के रानीगंज प्रखंड का है। यहां के 40 वर्षीय वीरेंद्र मेहता और उनकी पत्नी प्रियंका देवी को 10 दिनों पहले खांसी-बुखार हुआ। जब जांच करवाई गई तो दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं तबीयत बिगड़ने पर दोनों को पूर्णिया के निजी अस्पताल में...
अररियाः कोरोना के इस संकटकाल के बीच बिहार के अररिया जिले से एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जहां शव के अंतिम संस्कार के लिए कोई नहीं आया तो नाबालिग बेटी ने खुद कब्र खोद मां के शव को दफनाया। मां की मौत के चार दिन पहले पिता भी कोरोना के कारण चल बसे।
दरअसल, मामला जिले के रानीगंज प्रखंड का है। यहां के 40 वर्षीय वीरेंद्र मेहता और उनकी पत्नी प्रियंका देवी को 10 दिनों पहले खांसी-बुखार हुआ। जब जांच करवाई गई तो दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं तबीयत बिगड़ने पर दोनों को पूर्णिया के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान वीरेंद्र मेहता की मौत हो गई। उधर, अस्पताल वाले प्रियंका देवी के इलाज के लिए रोज पैसे की मांग कर रहे थे। पैसे न होने के कारण परिवार वाले प्रियंका देवी को लेकर घर लौट आए।
वहीं गुरूवार की रात जब प्रियंका देवी की तबीयत ज्यादा बिगड़ तो उन्हें फारबिसगंज के सरकारी कोरोना अस्पताल में ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने मधेपुरा के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। मधेपुरा जाने के दौरान प्रियंका देवी ने दम तोड़ दिया। इसके बाद शव को वापिस गांव लाया गया तो कोरोना के भय से कोई अंतिम संस्कार के लिए नहीं आया। वहीं परिवार की बड़ी बेटी ने पीपीई किट में जाकर गढ़ढा खोदा और अपनी मां के शव को उसमें दफन किया। अब इस परिवार में सिर्फ तीन बच्चे बचे हैं।