Edited By Nitika, Updated: 24 May, 2021 12:26 PM
देशभर में जहां एक तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बिहार के मधुबनी जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में पड़ा है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को गौ आश्रय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि कोरोना महामारी...
मधुबनीः देशभर में जहां एक तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बिहार के मधुबनी जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हालत में पड़ा है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को गौ आश्रय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि कोरोना महामारी भी जारी है।
मधुबनी के खजौली के सुक्की गांव में एक स्थानीय का कहना है, "यह अस्पताल केवल कागजों पर मौजूद है। डॉक्टरों, नर्सों और सफाई कर्मचारियों को भी इस सुविधा में नियुक्त किया जाता है, लेकिन वे यहां मौजूद नहीं हैं। वे महीने में केवल एक बार आते हैं। "एक अन्य स्थानीय का कहना है, "डॉक्टर यहां नहीं आते हैं। यहां सुविधा केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए खुलती है।
वहीं "एक ग्रामीण का कहना है, ''पिछले साल इस स्वास्थ्य केंद्र में कोई डॉक्टर या नर्स नहीं आया। लोग खजौली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाते हैं। इस केंद्र के लिए एक सहायक नर्स और दाई (एएनएम) की प्रतिनियुक्ति की गई लेकिन एएनएम वर्तमान में कोरोना के कारण पीएचसी खजौली में तैनात है। खजौली के सुक्की के एक अन्य ग्रामीण कहते हैं, "यहां यह केंद्र 30 से अधिक वर्षों से चल रहा है।