Edited By Ramanjot, Updated: 18 Mar, 2021 04:07 PM
राज्यपाल कोटे से मनोनीत किए गए 12 एमएलसी में भी जगह नहीं मिलने पर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का दर्द छलक कर बाहर आया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अभी इन सभी मसलों को देख रहे हैं, जल्दी कोई बड़ा निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि...
पटनाः बिहार के पुर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने कार्यकाल के 6 महीने पूर्व ही वीआरएस लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव लड़ाने, मंत्रिमंडल में शामिल कराने जैसी उम्मीदें जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं अब राज्यपाल कोटे से मनोनीत किए गए 12 एमएलसी में भी जगह नहीं मिलने पर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का दर्द छलक कर बाहर आया है।
गुप्तेश्वर पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अभी इन सभी मसलों को देख रहे हैं, जल्दी कोई बड़ा निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि भरोसा करके पार्टी का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें एमएलए के बाद एमएलसी के लायक भी नहीं समझा।
बता दें कि गुप्तेश्वर पांडे ने अपने कार्यकाल के 6 महीने पूर्व ही वीआरएस ले लिया था, जिसे बिहार के राज्यपाल ने स्वीकार किया था। इसके बाद उन्होंने 27 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने 21 जनवरी 2019 को बिहार के डीजीपी का पद संभाला था।