Edited By Ramanjot, Updated: 05 Sep, 2020 03:13 PM
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलितों को लुभाने में जुट गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को ऐसा नियम बनाने का निर्देश दिया है कि किसी अनुसूचित जाति-जनजाति की हत्या हो जाने पर उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलितों को लुभाने में जुट गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को ऐसा नियम बनाने का निर्देश दिया है कि किसी अनुसूचित जाति-जनजाति की हत्या हो जाने पर उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर एससी-एसटी परिवार के किसी सदस्य की हत्या होती है तो वैसी स्थिति में पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए तत्काल नियम बनाएं, ताकि पीड़ित परिवार को लाभ दिया जा सके।
इस बैठक में सभी दलों के दलित सांसद और विधायकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नीतीश कुमार के समक्ष अपनी शिकायतें रखी। सीएम नीतीश ने राज्य के डीजीपी से एससी-एसटी के लंबित मामलों का निष्पादन अगले 15 दिनों में करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर तक सभी लंबित मामलों की जांच का कार्य पूरा किया जाए।