Edited By Ramanjot, Updated: 17 Jun, 2021 09:15 AM
कोसी बागमती और महानंदा नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में सामान्य से मध्यम वर्षा हुई है और तीनों नदियों में जलस्राव और जल स्तर खतरे के निशान से अभी काफी नीचे है लेकिन बूढ़ी गंडक और गंडक के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है। जल वृद्धि होने से कई...
पटनाः मानसून की पहली बारिश में ही बिहार की कई नदियों में अप्रत्याशित जल वृद्धि होने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसे देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट हो गई हैं। वहीं पटना समेत कुल 9 जिलों में 10 अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया है।
जल संसाधन सचिव संजीव हंस ने पथ निर्माण के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के साथ बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोसी बागमती और महानंदा नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में सामान्य से मध्यम वर्षा हुई है और तीनों नदियों में जलस्राव और जल स्तर खतरे के निशान से अभी काफी नीचे है लेकिन बूढ़ी गंडक और गंडक के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है। विशेष रूप से गंडक के नेपाल वाले जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा हुई है। पिछले तीन दिनों से उस इलाके में ढाई सौ मिली मीटर से अधिक वर्षा हुई है।
हंस ने कहा कि इसके कारण गंडक नदी में जलस्राव अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि नगर इलाके में हुई बारिश के कारण ऐसा अनुमान है कि गंडक नदी में साढ़े 4 लाख से पौने पांच लाख क्यूसेक तक पानी आ सकता है। मानसून की पहली बारिश में इस तरह का जलस्राव अप्रत्याशित है।
NDRF की टीमें अलर्ट
बता दें कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए बिहटा स्थित मुख्यालय से 9वीं बटालियन की टीम को अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफफरपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया तथा पटना जिलों में भेजा गया है। NDRF की हर एक टीम की कमांड सीनियर इंस्पेक्टर के हाथ में दी गई है। कुल 13 सीनियर इंस्पेक्टर सभी 10 टीम को लीड कर रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ से लोगों को बचाने और रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाने के लिए कुल 50 मोटर बोट उपलब्ध कराए गए हैं। इस पूरे ऑपरेशन की मॉनटरिंग खुद कमांडेंट विजय सिन्हा कर रहे हैं।