Edited By Ramanjot, Updated: 07 Oct, 2021 12:51 PM
विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एनआईए के विशेष लोक अभियोजक लल्लन प्रसाद सिन्हा ने कानूनी बिंदु पर जवाबी बहस बुधवार को पूरी की। इससे पूर्व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सैयद इमरान गनी ने अपनी अंतिम बहस पूरी कर...
पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हुंकार रैली के दौरान पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाका मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय सुनाने के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निश्चित की।
विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एनआईए के विशेष लोक अभियोजक लल्लन प्रसाद सिन्हा ने कानूनी बिंदु पर जवाबी बहस बुधवार को पूरी की। इससे पूर्व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सैयद इमरान गनी ने अपनी अंतिम बहस पूरी कर ली थी। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2013 को ऐतिहासिक गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान पटना जंक्शन और गांधी मैदान में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इस हादसे में छह लोगों को मौत हो गई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। यह एक संयोग मात्र है कि यह सिलसिलेवार बम धमाके 27 अक्टूबर 2013 को हुए थे और विशेष अदालत ने फैसले के लिए भी 27 अक्टूबर 2021 की तिथि निश्चित की है।
इस मामले में रांची के हैदर अली, मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज अंसारी, अहमद हुसैन, मो.फखरुद्दीन, नोमान अंसारी, असलम परवेज और इफ्तिखार तथा छत्तीसगढ़ के रायपुर के उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी के खिलाफ एनआईए ने वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाह पेश किए। इस मामले के पांच अभियुक्त हैदर अली, इम्तियाज अंसारी, मुजिबुल्लाह, उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को एनआईए की विशेष अदालत से ही वर्ष 2018 में बिहार के चर्चित बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर बम धमाका मामले में में उम्रकैद की सजा हो चुकी है।