पेट्रोल-डीजल को GST दायरे में लाना ठीक नहीं, 4.10 लाख करोड़ की होगी राजस्व हानिः सुशील मोदी

Edited By Ramanjot, Updated: 17 Sep, 2021 09:55 AM

it is not right to bring petrol and diesel under gst sushil modi

सुशील मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि पेट्रोल-डीजल को यदि जीएसटी के दायरे में लाया गया तो इन वस्तुओं पर कर 75 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत करना पड़ेगा। इससे केन्द्र और राज्य सरकारों को 4.10 लाख करोड़ रुपए के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा। इसमें डीजल से...

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को अभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना ठीक नहीं है और इससे 4.10 लाख करोड़ रुपए की राजस्व हानि होगी इसलिए बिहार समेत अन्य राज्यों का इसका विरोध करना चाहिए।

सुशील मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि पेट्रोल-डीजल को यदि जीएसटी के दायरे में लाया गया तो इन वस्तुओं पर कर 75 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत करना पड़ेगा। इससे केन्द्र और राज्य सरकारों को 4.10 लाख करोड़ रुपए के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा। इसमें डीजल से 1.10 लाख करोड़ रुपए और पेट्रोल से तीन लाख करोड़ रुपए की राजस्व हानि होगी। मोदी ने कहा कि कोविड काल में सरकार इतनी बड़ी राशि की भरपाई नहीं कर पाएगी, जिससे विकास कार्य प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार सहित अन्य राज्यों को राजस्व की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के विचार का विरोध करना चाहिए।

भाजपा सांसद ने कहा कि जीएसटी परिषद जब इस मुद्दे पर केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर विचार करने वाली है, तब राज्यों को अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 60 करोड़ लोगों के टीकाकरण, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और अर्थव्यवस्था को कुछ बड़े राहत पैकेज देने जैसे फैसलों से राजस्व संसाधन पर जो दबाव बढ़ा, उसे ध्यान में रखते हुए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में लाने का विचार टालना ही उचित होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहा है।

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