Edited By Ramanjot, Updated: 24 Dec, 2020 11:17 AM
बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने राजद और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नीतीश सरकार में किसानों को मजदूर बनाए जाने के आरोप पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मौजूदा सरकार में नहीं बल्कि राजद के जंगलराज की है इसलिए प्रदेश के किसान उनके झांसे में...
पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने राजद और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नीतीश सरकार में किसानों को मजदूर बनाए जाने के आरोप पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मौजूदा सरकार में नहीं बल्कि राजद के जंगलराज की है इसलिए प्रदेश के किसान उनके झांसे में नहीं आएंगे।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बुधवार को तेजस्वी यादव के बिहार में कृषि को लेकर तथ्यहीन एवं बेबुनियाद तथा मनगढंत आरोप लगाने की कठोर भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मौजूदा सरकार में नहीं बल्कि राजद के जंगलराज की है इसलिए प्रदेश के किसान उनके झांसे में नहीं आएंगे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को ‘राजनीतिक पर्यटक' बताया और कहा कि बिहार के किसान उनके उकसावे का शिकार होने के लिए तैयार नहीं हैं इसीलिए कहीं भी इस राज्य में किसान आंदोलन की स्थिति नहीं बन पाई।
राजीव रंजन ने कहा कि जंगलराज के दौर के विपरीत पिछला 15 वर्ष कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास के लिए जाने जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में तीन चरणों का कृषि रोडमैप और अब हर खेत को पानी, कृषि के लिए डेडिकेटेड फीडर एवं किसानों को सस्ती बिजली इस क्षेत्र में संभावनाओं के अनेक द्वार खोलने जा रहे हैं। गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने वर्ष 2006 में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम को समाप्त कर बिहार के किसानों को मजदूर बना दिया है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को शीघ्र वापस नहीं लिया गया तो किसान भिखारी बन जाएंगे।