Edited By Nitika, Updated: 24 Mar, 2021 11:24 AM
बिहार में एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच एक बार फिर विधानसभा उपाध्यक्ष पद चुनाव को लेकर सदन में शक्ति परीक्षण होगा। दोनों ही खेमों के उम्मीदवारों ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपने-अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं।
पटनाः बिहार में एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच एक बार फिर विधानसभा उपाध्यक्ष पद चुनाव को लेकर सदन में शक्ति परीक्षण होगा। दोनों ही खेमों के उम्मीदवारों ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपने-अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं।
जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व अन्य की मौजूदगी के बीच मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल किया। वहीं, राजद के विधायक भूदेव चौधरी की ओर से उनके प्रस्तावकों, भाई वीरेंद्र और आलोक मेहता (राजद), अजीत शर्मा (कांग्रेस), राम रत्न सिंह (भाकपा) अजय सिंह (माकपा) और महबूब आलाम (भाकपा माले) ने नामांकन पत्र दाखिल किया। संख्या बल एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में लग रहा है, क्योंकि 243 सदस्यीय विधानसभा में राजग के 125 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के एक विधायक तथा एक निर्दलीय विधायक को भी राजग के पाले में लाया गया है और दोनों को राज्य कैबिनेट में स्थान दिया गया है।
राजद विधायक ललित यादव ने कहा, “ विपक्ष (विधानसभा) अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, दोनों का निर्वाचन सर्वसम्मति से करवाने के पक्ष में रहा है। राज्य विधानसभा में एक परंपरा है कि अध्यक्ष सत्तारूढ़ गठबंधन का होता है जबकि उपाध्यक्ष विपक्ष का होता है।” उन्होंने कहा, “ पिछले साल जब अध्यक्ष का चुनाव हो रहा था तब हमारे नेता तेजस्वी यादव के इस आशय के प्रस्ताव को सत्तारूढ़ गठबंधन ने ठुकरा दिया था। नतीजतन, हमने तब अपना उम्मीदवार खड़ा किया और अब भी यही कर रहे हैं।” भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उन्होंने राजद के अवध बिहारी चौधरी को शिकस्त दी थी।
बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा को मिला और उपाध्यक्ष पद के लिए जदयू ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। पिछली बार नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के विजय चौधरी विधानसभा अध्यक्ष थे जबकि भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह उपाध्यक्ष थे।