Edited By Nitika, Updated: 27 Dec, 2020 01:20 PM
अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायक टूटकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में नीतीश को एनडीए में रहकर ही भाजपा को जवाब देना है। इसके लिए आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के द्वारा अपना ''पुराना दांव'' खेला जा...
पटनाः अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायक टूटकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में नीतीश को एनडीए में रहकर ही भाजपा को जवाब देना है। इसके लिए आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के द्वारा अपना 'पुराना दांव' खेला जा सकता है। वहीं केंद्र के साथ रहकर उसका विरोध करना नीतीश का एक ऐसा दांव रहा है, जो वो समय-समय पर खेलते आए हैं।
दरअसल, बैठक में जदयू कुछ खास राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा से अलग राय बनाकर प्रस्ताव पारित कर सकती है। इससे भाजपा का विरोध भी हो जाएगा और बिहार में एनडीए से अलग होने की चिंता भी नहीं रहेगी। वहीं जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी पश्चिम बंगाल सहित देश के दूसरे राज्यों में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। वहां भाजपा से कोई तालमेल नहीं होगा। भाजपा से जदयू का तालमेल सिर्फ बिहार में है। दूसरे राज्यों में जदयू, भाजपा के बिना अपना जनाधार बढ़ाएगी।
बता दें कि पहले भी कई बार नीतीश कुमार अपना 'पुराना दांव' खेल चुके हैं। 2012 में एनडीए में रहते हुए राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश ने कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर सबको हैरान कर दिया है। इसके अतिरिक्त 2015 में महागठबंधन सरकार का हिस्सा होते हुए भी नीतीश ने कई मुद्दों पर केंद्र का समर्थन किया था।