Edited By Ramanjot, Updated: 13 Nov, 2020 12:21 PM
बिहार में चुनाव आयोग ने भोरे, हथुआ, हिलसा, मटहानी, रामगढ़ और डिहरी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों के संबंध में स्पष्ट किया कि जांच में सत्यापान के बाद इन सीटों पर दुबारा मतगणना कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
पटनाः बिहार में चुनाव आयोग ने भोरे, हथुआ, हिलसा, मटहानी, रामगढ़ और डिहरी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों के संबंध में स्पष्ट किया कि जांच में सत्यापान के बाद इन सीटों पर दुबारा मतगणना कराए जाने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच. आर. श्रीनिवास ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि 10 नवंबर को मतगणना के दिन भोरे विधानसभा क्षेत्र के जिस हॉल में मतों की गिनती चल रही थी वहां सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद आलोक कुमार सुमन पहुंच गए, जो उम्मीदवारों के हैंडबुक के खंड 16.9 का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि आयोग ने इस पर संज्ञान लिया और इस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता, हथुआ से प्राप्त रिपोर्ट में पाया कि सांसद आलोक कुमार ने मतगणना हॉल या मतगणना केंद्र परिसर में प्रवेश नहीं किया था। इसलिए, कविता कृष्णन द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।
श्रीनिवास ने बताया कि भोरे विधानसभा क्षेत्र के भाकपा-माले प्रत्याशी जितेंद्र पासवान ने आरोप लगाया कि शाम पांच बजे के बाद 27वेें और 33वें चक्र की मतगणना में काफी विलंब हुआ, जिससे मतों की गिनती में कुछ फेरबदल की आशंका है। उन्होंने बताया कि निर्वाची पदाधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट से स्पष्ट है कि मतगणना के दौरान उनके अभिकर्ता गिनती किए जा चुके मतों को नोट कर रहे थे और उनकी ओर से कोई आपत्ति नहीं की गई। वहीं, 27वें से 33वें चक्र के बीच मतगणना कार्य में कोई विलंब नहीं हुआ और मतों की गिनती का काम सुचारू रूप से चलता रहा। इसलिए, पुनर्मतगणना के उनके आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया है।