Edited By Nitika, Updated: 10 Feb, 2021 11:40 AM
बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच की प्रतिष्ठित इमारतें जल्द ही इतिहास बन जाएंगी, क्योंकि पटना में ऐतिहासिक संस्थान के पुराने ढांचे को एक बड़े पुनर्विकास परियोजना के तहत ध्वस्त किए जाने की योजना है।
पटनाः बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच की प्रतिष्ठित इमारतें जल्द ही इतिहास बन जाएंगी, क्योंकि पटना में ऐतिहासिक संस्थान के पुराने ढांचे को एक बड़े पुनर्विकास परियोजना के तहत ध्वस्त किए जाने की योजना है।
ये इमारतें 1925 में प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित की गई थीं। तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, और बाद में किंग एडवर्ड अष्टम, 22-23 दिसंबर, 1921 को अपने भारत के शाही दौरे के दौरान पटना आये थे और बिहार तथा ओडिशा के पहले मेडिकल कॉलेजों का नाम उनके नाम पर रखा गया था। आजादी के कुछ दशकों बाद इस कॉलेज का नाम बदलकर पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) किया गया। इसमें बांकीपुर सामान्य अस्पताल और महिला अस्पताल, मुख्य प्रशासनिक भवन और अन्य संरचनाओं सहित ऐतिहासिक इमारतें हैं। कुछ साल पहले मेगा पुनर्विकास योजना के तहत कई चरणों में इन पुरानी धरोहर इमारतों को ध्वस्त करने का प्रस्ताव दिया गया था। इस योजना का शिलान्यास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को किया था। इस योजना के तहत 5,540 करोड़ रुपए की लागत से 5462-बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाएगा, और यह परियोजना सात वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है।
पीएमसीएच परिसर में आयोजित एक समारोह में नीतीश कुमार ने इस अवसर पर एक पट्टिका का भी अनावरण किया और कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य पीएमसीएच को अपग्रेड करना और राज्य में सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र को ‘‘विश्व स्तरीय सुविधा'' का बनाना है। पटना और अन्य स्थानों के धरोहर प्रेमियों ने निराशा व्यक्त करते हुए सरकार के इस कदम की आलोचना की है और इसे, “विकास के नाम पर बिहार की विरासत को त्यागने का एक कृत्य बताया है।''