सृजन घाेटाले में फंसे अकाउंट के माहिर प्रणव घोष, ED ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजा जेल

Edited By Ramanjot, Updated: 09 Aug, 2021 04:09 PM

pranav ghosh the of the account trapped in the srijan scam

मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने 6 अगस्त की रात 10 बजे प्रणव कुमार घोष को अपने दफ्तर बुलाया था। इस दौरान ईडी के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल ने पीके घोष से पूछा कि पुणे में फ्लैट खरीदने के पैसे कहां से लाए? सृजन से 25 लाख का हाउसिंग लोन लिया तो उसे...

पटनाः बिहार के बहुचर्चित सृजन घाेटाले में अकाउंट के माहिर प्रणव कुमार घोष की गिरफ्तारी हुई है। दरअसल, सीबीआई की जांच रिपोर्ट के बाद प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें पूछताछ के लिए पटना स्थित दफ्तर में बुलाया था। वहीं सवालों के गोलमोल जवाब देने पर उन्हें 10 मिनट में ही ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।

मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने 6 अगस्त की रात 10 बजे प्रणव कुमार घोष को अपने दफ्तर बुलाया था। इस दौरान ईडी के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल ने पीके घोष से पूछा कि पुणे में फ्लैट खरीदने के पैसे कहां से लाए? सृजन से 25 लाख का हाउसिंग लोन लिया तो उसे फ्लैट विक्रेता को क्यों नहीं दिया? ये पैसे कहां इन्वेस्ट किए?...वहीं पीके घोष इन तीन सवालों के जवाब सही तरीके से नहीं दे पाए और बात को घुमाने लगे तो संतोष कुमार मंडल ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19(1) के तहत गिरफ्तारी के आदेश दिए।

इसके बाद ईडी ने दो स्वतंत्र गवाहों पटना सिटी के महराजगंज निवासी नीरज कुमार और नालंदा के हरनौत के डिहरीगढ़ निवासी रंजीत कुमार के सामने गिरफ्तार कर लिया। पीके की गिरफ्तारी केवल 10 मिनट में हो गई। इसके साथ ही घोष से कागज पर दस्तखत भी कराए गए। इसके बाद शनिवार को घोष को स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया गया। जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया।

बता दें कि साल 2019 में ईडी ने प्रणव कुमार घोष का पुणे वाला बंगला जब्त किया था। सीबीआई जांच में सामने आया था कि पीके घोष ने हाउसिंग लोन के नाम पर सृजन महिला विकास सहयोग समिति से 25 लाख रुपए का चेक लिया था। लेकिन, ये रुपए उसने बैंक व एनबीएफसी (फ्लैट विक्रेता) के खाते में नहीं डाले। उसने मात्र 1.74 लाख रुपए ही सृजन को लौटाए। लोन की रकम से घोष ने पुणे में आर्क गैलरी के विंग-बी में फ्लैट नं.-106 खरीदा था, जिसकी कीमत 32,33,100 रुपए थी। पीके घोष ने फ्लैट विक्रेता को 1,58,300 रुपए ही दिए।

2019 में पीके घोष को सीबीआई दफ्तर भी बुलाया था और पुणे के फ्लैट की खरीदारी में खर्च किए पैसों की डिटेल भी मांगी। पूछताछ के दौरान उसने 30,24,500 रुपए का हिसाब दिया, लेकिन 1,58,300 रुपए का कोई सबूत पेश नहीं किया। उसने पत्नी अमृता घोष के एसबीआई खाते से 1 लाख व अन्य रिश्तेदारों से 9.95 लाख रुपए उधार लेने की बात कही थी। इसमें नकद 4500 रुपए उसने हाउसिंग कंपनी को दिया था। वहीं जब उनसे सवाल किया गया कि हाउसिंग लोन के नाम से पैसे लेकर एनबीएफसी काे जमा नहीं किया को यह पैसे कहां गए तो पीके घोष फंस गए। वहीं ईडी ने उस पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर संपत्ति जब्त कर ली।

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