Edited By Diksha kanojia, Updated: 20 Oct, 2020 05:59 PM
बिहार में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में इस बार दिग्गज नेताओं के कई रिश्तेदार चुनावी समर के अभेद दुर्ग तोड़कर पहली बार सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होना चाहते हैं।
पटनाः बिहार में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में इस बार दिग्गज नेताओं के कई रिश्तेदार चुनावी समर के अभेद दुर्ग तोड़कर पहली बार सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होना चाहते हैं।
जमुई जिले की जमुई सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद पुतुल कुमारी की पुत्री तथा राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता अंतररष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर रही हैं। इस सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव के भाई और निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश यादव फिर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर सत्ता के संग्राम में अपना जौहर दिखाने जा रहे हैं। वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी यादव ने पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र और भाजपा के अजय प्रताप को 8240 मतों के अंतर से पराजित किया था।
भाजपा से टिकट कटने से नाराज होकर अजय प्रताप इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतर आए हैं। भागलपुर जिले की कहलगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस ने इस बार पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह की बजाय उनके पुत्र शुभानंद मुकेश को उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनावी रणभूमि में आगाज कर रहे हैं। मुकेश की टक्कर भाजपा के पवन कुमार यादव के साथ मानी जा रही है। वर्ष 2015 के चुनाव में सदानंद सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उम्मीदवार नीरज कुमार मंडल को 21229 मतों के अंतर से पराजित किया था