Edited By Ramanjot, Updated: 14 Dec, 2021 11:56 AM
नीतीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं के मुजफ्फरपुर में एईएस को लेकर जोधपुर एम्स द्वारा नए शोध से संबंधित सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह शोध ठीक नहीं है। आपलोगों को पता है जब 2019 में मुजफ्फरपुर में एईएस से लोग प्रभावित हुए तो हमने वहां जाकर एक-एक काम...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार के मामलों को लेकर जोधपुर (राजस्थान) के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किया गया शोध ठीक नहीं है।
नीतीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं के मुजफ्फरपुर में एईएस को लेकर जोधपुर एम्स द्वारा नए शोध से संबंधित सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह शोध ठीक नहीं है। आपलोगों को पता है जब 2019 में मुजफ्फरपुर में एईएस से लोग प्रभावित हुए तो हमने वहां जाकर एक-एक काम किया। हमलोगों ने जिले के पांच प्रखंड का चयन किया, जहां अधिकतम लोग इससे प्रभावित थे। वहां कई गांव हम खुद देखने गए थे।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति प्रभावित है, उसका घर बना हुआ है कि नहीं, उनके लिए दवा की व्यवस्था हुई है कि नहीं, ऐसे सभी परिवारों का सर्वे कराया गया। एक-एक चीज का सर्वे करवाकर सरकार ने सभी काम करवाए हैं। वह तो मुजफ्फरपुर के उन पांच प्रखंड की बात कर रहे हैं, जो प्रभावित हुए थे। यह 2019 की बात है उसके बाद बहुत नियंत्रण हुआ। सौ बेड का इंमरजेंसी अस्पताल बनवाया गया। उनकी सरकार ने हर तरह की व्यवस्था की। उसके बाद बहुत कम बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार हर जगह के बारे में कंसर्न हैं। हो सकता है कि पहले की जानकारी के आधार पर अध्ययन करने वाले लोग बोल रहे हों। उन्होंने तीन साल पहले सामाजिक-आर्थिक सर्वे करवा कर एक-एक बात का पता कर लिया और पता करने के बाद उन सभी जगहों पर सुविधा दी गई। उसके बाद से एईएस का असर कम हुआ, इसमें कोई शक नहीं है। सीएम ने कहा कि यदि कहीं पर एईएस हो रहा है तो क्यों हो रहा, दूसरे जगहों पर भी हो रहा है तो उसको हमलोग दिखवाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि रात में किसी बच्चे को परेशानी हो जाय तो तुरंत उसको देखना, अस्पताल ले जाना ये सब दिशा-निर्देश सरकार ने दिए हुए हैं।