Edited By Ajay kumar, Updated: 17 May, 2024 09:55 PM
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दो बेटियां मीसा भारती पाटिलपुत्र व रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। मीसा का यह तीसरा चुनाव है, वह दो बार हार चुकी हैं, जबकि सिंगापुर से आयीं रोहिणी राजनीतिक पारी...
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दो बेटियां मीसा भारती पाटिलपुत्र व रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। मीसा का यह तीसरा चुनाव है, वह दो बार हार चुकी हैं, जबकि सिंगापुर से आयीं रोहिणी राजनीतिक पारी शुरू कर रही हैं। सारण सीट पर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी का मुकाबला राजद की रोहिणी आचार्य से है। सारण सीट पर रोहिणी के पिता लालू प्रसाद और मां पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हार का स्वाद चखना पड़ा था, ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रोहिणी उन दोनों की हार का बदला ले पाएंगी। सारण से लालू प्रसाद यादव 1977, 1989, 2004 और 2009 में चार बार सांसद रह चुके हैं। भाजपा के राजीव प्रताप रूडी भी यहां से चार बार 1996, 1999, 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं।
राजद ने रोहिणी के लिए झोंकी ताकत
रूडी इस बार पांचवी जीत के साथ लगातार जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। 2009 के चुनाव में रूडी ने लालू प्रसाद यादव को हराया था। 2014 में रूडी ने लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी को भी हरा दिया था। 2019 में उन्होंने राजद के चंद्रिका राय को एक लाख से अधिक वोटों से मात दी थी। राजद ने रोहिणी के लिए ताकत झोंक रखी है। लालू प्रसाद कई बार प्रचार करने आ चुके हैं।
दो चुनाव हार चुकी हैं मीसा भारती :
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। यहां से तीसरी बार राम कृपाल यादव और लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती आमने-सामने हैं। मीसा ने 2014 और 2019 में भी 'यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। दोनों बार भाजपा के रामकृपाल यादव ने शिकस्त दी थी। इस बार भी मीसा भारती के खिलाफ रामकृपाल यादव ही मैदान में हैं। हालांकि इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की एंट्री से समीकरण बिगड़ गए हैं। ओवैसी ने यहां इंजीनियर फारुख रजा को मैदान में उतारा है। वह पूर्व में राजद से जुड़े रहे हैं। पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर करीब 17 लाख मतदाताओं में सबसे ज्यादा यादव हैं, जिनकी संख्या करीब चार लाख है। भूमिहार मतदाता तीन लाख, एक लाख से अधिक ब्राह्मण, पौने दो लाख कुर्मी और डेढ़ लाख मुस्लिम और बाकी दलित व अन्य मतदाता हैं।