Edited By Nitika, Updated: 09 Nov, 2021 11:45 AM
बिहार में सूर्योपासना का 4 दिवसीय महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। आज खरना पूजा के साथ व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत करेंगे। वहीं इससे पहले नहाय-खाय के साथ छठ की शुरुआत हुई थी।
पटनाः बिहार में सूर्योपासना का 4 दिवसीय महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। आज खरना पूजा के साथ व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत करेंगे। वहीं इससे पहले नहाय-खाय के साथ छठ की शुरुआत हुई थी।
लोक आस्था के महापर्व छठ के 4 दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन महिला एवं पुरुष व्रती एक बार फिर नदियों, तालाबों में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाएंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आएगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका लगभग 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा।
वहीं छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियों ने अंत:करण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया। सुबह से ही गंगा नदी, तालाब, पोखर आदि में व्रती स्नान करते देखे गए। परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किए जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित (पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है।
बता दें कि इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे। व्रतधारी अस्त हो रहे सूर्य को फल और कंद मूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन नदियों और तालाबों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न-जल ग्रहण करते हैं।