Lockdown में कैमूर के शिक्षक ने कर दिया कमाल, भोजपुरी में लिख डाली रामचरितमानस

Edited By Nitika, Updated: 28 Jan, 2021 05:39 PM

कैमूर के शिक्षक पीयूष मोहन ने लॉकडाउन में खाली समय का सदुपयोग करते हुए रामचरितमानस को भोजपुरी में लिख डाला। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है। इसलिए मैंने अपने खाली समय में रामचरितमानस...

 

कैमूरः बिहार के कैमूर जिले में एक शिक्षक पीयूष मोहन ने लॉकडाउन के खाली समय में कमाल कर दिया। उन्होंने रामचरितमानस को भोजपुरी में लिख डाला ताकि आसानी से लोग इसे पढ़ सके। वहीं इसके पहले भी उनके 2 उपन्यास छप चुके हैं।
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शिक्षक पीयूष मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि जब लॉकडाउन लगा तो पूरी तरह खाली बैठा था। मैंने सोचा क्यों नहीं रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए, क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है। इसलिए मैंने अपने खाली समय में रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखना शुरू किया और अब वे अंतिम दौर में है। भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया है। इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए हमने रामचरितमानस लिख दिया। कई क्षेत्रीय भाषा में लोगों को अवार्ड मिलता है लेकिन भोजपुरी को लेकर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, इसलिए हमने सोचा कि इसे रामचरितमानस को अपने भाषा में लिखकर भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ाया जाए।
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वहीं पीयूष मोहन ने बताया कि वह लगभग 6 महीने से रामचरितमानस लिख रहे हैं। अभी कुछ अध्याय बाकी हैं, जिसे कुछ दिनों में बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं की भोजपुरी में लोग रामचरितमानस जैसे भोजपुरी में लिखी गई किताबों को पढ़ें जिससे कि समाज में भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ सके और स्वच्छ छवि बन सके। भोजपुरी के प्रति लोगों का सकारात्मक सोच बने सके। मेरा भोजपुरी में 2 उपन्यास छप चुका है और एक और उपन्यास भोजपुरी में लिख रहे हैं। सीता जी का भी एक खंडकाव्य मैं लिख रहा हूं जो अधूरा है। उसे भी मैं जल्द पुरा कर लूंगा।

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