भाकपा-माले का आरोप- विधानसभा की संसदीय समितियों के गठन में हो रहा है भेदभाव

Edited By Nitika, Updated: 12 Dec, 2020 02:59 PM

there is discrimination in the constitution of parliamentary committees

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) ने विधानसभा की संसदीय समितियों के गठन में भेदभाव का आरोप लगाया है।

 

पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) ने विधानसभा की संसदीय समितियों के गठन में भेदभाव का आरोप लगाया है।

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि संसदीय समितियों के गठन में भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि विधानसभा की संसदीय समितियों का गठन प्रस्तावित है, लेकिन इस संदर्भ में उनकी पार्टी अथवा विधायक दल के नेता से अब तक किसी भी प्रकार की बातचीत तक नहीं हुई है, जिसके कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कुणाल ने कहा कि फरवरी 2000 में गठित बिहार विधानसभा में भाकपा-माले के 6 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे, झारखंड बंटवारे के बाद पार्टी के 5 विधायक बचे, फिर भी भाकपा-माले के तत्कालीन विधायक दल के नेता रामनरेश राम को संसदीय समिति के सभापति सहित कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां दी गई थीं।

वहीं भाकपा-माले के राज्य सचिव ने कहा कि इस बार भाकपा-माले के 12 विधायक चुनकर विधनसभा पहुंचे हैं। इसलिए पार्टी की मांग है कि स्थापित परंपराओं के अनुसार भाकपा-मालेे केेे विधायक को कम से कम 2 समितियों का सभापति बनने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय का यह दायित्व है कि वे पार्टी को वर्तमान स्थिति से अविलंब अवगत करवाए।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!