Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jul, 2025 07:29 PM

वैशाली में बन रहे बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा।
पटना: वैशाली में बन रहे बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का उद्घाटन जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया के 15 बौद्ध देशों जैसे चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, मलेशिया, भूटान, वियतनाम, कंबोडिया, मंगोलिया, लाओस, बांग्लादेश और इंडोनेशिया – से बौद्ध भिक्षु वैशाली पहुंचेंगे।
550.48 करोड़ की लागत से 72 एकड़ भूमि पर बना यह स्तूप परिसर पवित्र पुष्करणी तालाब और मड स्तूप के समीप विकसित किया गया है। वर्ष 1958-62 में हुई खुदाई में प्राप्त भगवान बुद्ध का अस्थि कलश इस स्मारक का मुख्य आकर्षण होगा, जिसे संग्रहालय के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा।
स्मृति स्तूप पूरी तरह पत्थरों से निर्मित है, जिसमें राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से मंगवाए गए 42,373 बलुआ पत्थर टंग एवं ग्रूव तकनीक से जोड़े गए हैं। इसे आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से तैयार किया गया है ताकि यह हजारों वर्षों तक सुरक्षित रह सके। स्तूप के चारों ओर लिली पोंड,आकर्षक मूर्तियां और सुंदर बागवानी इसे आकर्षक बनाते हैं।
परिसर में ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, संग्रहालय ब्लॉक, एम्फीथियेटर, कैफेटेरिया, सौर ऊर्जा संयंत्र (500 किलोवाट), पार्किंग और अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई हैं। ओडिशा के कलाकारों द्वारा बनायी गई भगवान बुद्ध की प्रतिमा यहां की विशेष पहचान बनेगी।
यह स्तूप न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए श्रद्धा का केंद्र होगा, बल्कि वैशाली को विश्व बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान दिलाएगा। स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह स्मारक बिहार के सांस्कृतिक और पर्यटन विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।