Edited By Ramanjot, Updated: 19 Aug, 2022 11:59 AM
मामला भागलपुर में सृजन नामक संस्था के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की विभिन्न सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की राशि का एक आपराधिक षड्यंत्र तथा सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक गबन करने का है।
पटनाः बिहार के करोड़ों रुपयों के सृजन घोटाला के एक मामले में पटना स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने मामले में आरोपित भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के. पी. रमैया समेत नौ लोगों के खिलाफ उनकी उपस्थिति के लिए जमानती वारंट जारी किया।
ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश मोतीश कुमार सिंह की अदालत में सीबीआई ने न्यायालय से जारी सम्मन का तमिला दाखिल किया था। तमिला का अवलोकन करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के. पी. रमैया, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदई, बैंक अधिकारी अर्जुन दास, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सनत कुमार झा, डिप्टी कलेक्टर विजय कुमार, सृजन संस्था की सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया।
मामला भागलपुर में सृजन नामक संस्था के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की विभिन्न सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की राशि का एक आपराधिक षड्यंत्र तथा सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक गबन करने का है। इस मामले में सीबीआई ने आरसी केस नंबर 14 ए/2017 दर्ज करने के बाद विशेष अदालत में सृजन संस्था की संस्थापक मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए 27 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र 18 मार्च 2020 को दाखिल किया था। आरोपित अमित कुमार एवं रजनी प्रिया मनोरमा देवी के क्रमश: पुत्र एवं पुत्रवधू हैं।