झारखंड में चक्रवाती तूफान ‘यास' से 2 लोगों की मौत, बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान

Edited By Nitika, Updated: 28 May, 2021 11:42 AM

2 people died due to cyclone in jharkhand

झारखंड में बंगाल की खाड़ी से आए चक्रवाती तूफान ‘यास'' के चलते हुई भारी वर्षा से मकान गिरने की एक घटना में 2 लोगों की मौत की सूचना है जबकि इसके प्रभाव से राज्य में 7 से 8 लाख की आबादी प्रभावित हुई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ।

 

रांचीः झारखंड में बंगाल की खाड़ी से आए चक्रवाती तूफान ‘यास' के चलते हुई भारी वर्षा से मकान गिरने की एक घटना में 2 लोगों की मौत की सूचना है जबकि इसके प्रभाव से राज्य में 7 से 8 लाख की आबादी प्रभावित हुई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ। राज्य के अनेक इलाकों में पिछले 2 दिनों से जारी तेज बारिश के चलते अनेक पहाड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण कई स्थानों पर पुल भी बह गए। इनमें से रांची को तमाड़ से जोड़ने वाला पुल भी शामिल है। हालांकि गुरुवार शाम तक इसका प्रभाव अब कुछ जिलों में सिर्फ बारिश होने तक सिमट कर रह गया है, जिसके शुक्रवार शाम तक समाप्त हो जाने की संभावना जताई गई है।

झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में प्राकृतिक कारणों से तीन लोगों की मौत की सूचना है, जिनमें से दो लोगों की मौत राजधानी रांची में पिछले 36 घंटों से लगातार जारी भारी वर्षा के कारण मकान गिरने से उसके मलबे में दबकर हो गई। उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति की मौत बोकारो में बिजली गिरने की घटना में हुई, जिसे इस चक्रवाती तूफान से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि यास के प्रभाव से पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी सिंहभूम एवं आसपास के क्षेत्र में बीती रात से प्रारंभ होकर आज सुबह तक तेज हवाएं चलीं लेकिन हवाओं की गति विभाग के अधिकारियों ने अधिकतम 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की दर्ज की जिसके चलते राज्य में अधिक नुकसान नहीं हुआ। ज्ञातव्य है कि मौसम विभाग ने तूफान के चलते झारखंड के कुछ इलाकों में हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक होने का अनुमान लगाया था जिससे राज्य प्रशासन अधिक सतर्क था।

कौशल ने बताया कि राज्य के अनेक इलाकों में पिछले 2 दिनों से जारी तेज बारिश के चलते अनेक पहाड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण कई स्थानों पर पुल भी बह गये। इनमें से रांची को तमाड़ से जोड़ने वाला पुल भी शामिल है। उन्होंने बताया कि तूफान के चलते राज्य में विभिन्न जिलों में लगभग 20 से 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि अब इस चक्रवाती तूफान का प्रभाव राज्य के अधिकतर भागों में समाप्त होने को है। उन्होंने बताया कि केवल उत्तरी जिलों पाकुड़, साहिबगंज, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा और जामताड़ा में चक्रवात के प्रभाव के कारण मध्यम से तेज वर्षा होने की संभावना है। इस बीच मौसम विभाग ने भी राज्य के उत्तरी जिलों में अगले कुछ घंटों में तेज वर्षा होने की संभावना बताई है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि आज दिन में रांची में कुल 26 मिमि, जमशेदपुर में 10 मिमि और डाल्टनगंज में 55 मिमि वर्षा हुई जबकि इन सभी जिलों में तापमान में भी 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। आपदा प्रबंधन सचिव कौशल ने बताया कि राज्य में इस तूफान के चलते होने वाले माली नुकसान का अभी आकलन किया जा रहा है और सभी जिलों के उपायुक्तों से उनके यहां हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है। इस बीच राजधानी रांची में चक्रवाती तूफान यास के दौरान पेड़ों एवं टहनियों के टूटने एवं अत्यधिक वर्षा के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है। विद्युत आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विशेषकर रातू, ब्राम्बे, बेड़ो पहाड़ी, कांके, नगड़ी, टाटीसिल्वे, अनगड़ा, सिल्ली, लोधमा, तेतरी, खूंटी एवं तोरपा इलाकों में आपूर्ति ज्यादा प्रभावित हुई है। इस आंधी तूफान में विभिन्न इलाकों के 50-60 खंभे टूटने एवं 15 ट्रांसफार्मर के जलने की सूचना प्राप्त हुई है, जिसकी मरम्मत विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा युद्ध स्तर पर करते हुए विद्युत आपूर्ति को सामान्य बनाए रखा गया है। उन्होंने बताया कि शहर के लगभग सभी अस्पतालों एवं ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति सामान्य बनी हुई है। विभिन्न इलाकों में पोल एवं अन्य सामग्री के टूटने एवं ट्रांसफार्मर के जलने के कारण विभाग को लगभग 50 लाख रुपए की अनुमानित आर्थिक क्षति हुई है।

इससे पूर्व, तूफान के प्रभाव के चलते कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो के अलावा खूंटी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में निचले क्षेत्रों एवं झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया गया और 20 से 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। मौसम विभाग ने बताया कि तूफान गुरुवार तड़के झारखंड के पूर्वी कोल्हान इलाकों में प्रवेश कर गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया और अब इसका तेज हवा के खतरे वाला प्रभाव लगभग समाप्त हो गया है। इससे पहले बुधवार को सुबह लगभग नौ बजे यास तूफान ओडिशा के तट से टकराया था।
 

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