Edited By Diksha kanojia, Updated: 24 Jul, 2022 02:57 PM
मुख्यमंत्री सोरेन ने नई दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति-2021 का शुभारंभ करते हुए कहा कि यहाँ के जल, जंगल, पहाड़, झरने, नदियों में पर्यटन के द्दष्टिकोण से असीम संभावनाएं हैं। आप देखेंगे राज्य की उसी लक्ष्य को प्रतिबिम्बित करता है।
रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य को हमेशा खनन के नजरिये से देखा गया और इस राज्य को आकर्षण के नजरिये से दुनिया देखे, यही हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री सोरेन ने नई दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति-2021 का शुभारंभ करते हुए कहा कि यहाँ के जल, जंगल, पहाड़, झरने, नदियों में पर्यटन के द्दष्टिकोण से असीम संभावनाएं हैं। आप देखेंगे राज्य की उसी लक्ष्य को प्रतिबिम्बित करता है।
उन्होंने कहा कि झारखंड जितना संपन्न जमीन के अंदर है, उतना ही संपन्न जमीन के ऊपर हैं। यहां के जमीन के नीचे तो सभी ने सर्वे कर लिया, लेकिन यहां के खूबसूरत मनोरम द्दश्य को शायद किसी ने आज तक बहुत करीब से नहीं देखा है। आज उसी को एक मंच देने के लिए हम लोग आपके समक्ष आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला पड़ाव है। पर्यटन नीति तो हमने लोगों ने बना दी लेकिन हम लोगों की यात्रा यहीं पर खत्म नहीं होती है। मैं समझता हूं अगर पर्यटक की यात्रा झारखंड में प्रारंभ हुई है तो पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि पर्यटक के पैर कभी नहीं रुक सकते, क्योंकि हर मोड़ पर, हर चौराहे पर यहां एक से बढकर एक खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो सैलानियों को लुभाएंगे।
सोरेन ने कहा कि लोगों में झारखंड को देखने का नजरिया बदल रहा है। इस राज्य में कई अनोखी चीजें हैं, जो हर लिहाज से अध्ययन औऱ शोध के साथ देखने योग्य है। साहिबगंज जिले के मंडरों में फॉसिल पार्क का हाल ही में उद्घाटन हुआ है। इसका इतिहास लगभग पन्द्रह करोड़ साल पुराना है। यह मानव जीवन के उत्पति के इतिहास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक समुद्र से पहली बार भूमि सिंहभूम में ही बाहर आयी थी। यह लगभग 350 करोड़ वर्ष पुराना है। जहां आज बड़े पैमाने पर आयरन अयस्क पाए जाते हैं। नई पर्यटन नीति के माध्यम से इसे देश-दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया जा रहा है। विनय जारी वार्ता नननन