झारखंड में माइनिंग के लिए ली गई अधिकृत जमीन रैयतों को वापस, जानिए वजह

Edited By Diksha kanojia, Updated: 19 Feb, 2021 05:57 PM

authorized land taken for mining in jharkhand back to the raiyats

पीठासीन पदाधिकारी चंपई सोरेन की अदालत ने यह फैसला सुनाया। वहीं गुरुवार को बड़कागांव के 26 रैयतों को उनकी 56.88 एकड़ जमीन वापस करने का आदेश दिया गया। जानकारी के अनुसार, अदालत ने बताया कि कई बडी़ बड़ी कंपनियों द्वारा साल 2011 से 2015 के बीच रैयताें की...

 

रांचीः झारखंड के इतिहास में पहली बार माइनिंग के लिए ली गई अधिकृत जमीन उपयोग नहीं करने पर उनके मालिकों को वापस कर दी गई है। पीठासीन पदाधिकारी चंपई सोरेन की अदालत ने यह फैसला सुनाया। वहीं गुरुवार को बड़कागांव के 26 रैयतों को उनकी 56.88 एकड़ जमीन वापस करने का आदेश दिया गया।

जानकारी के अनुसार, अदालत ने बताया कि कई बडी़ बड़ी कंपनियों द्वारा साल 2011 से 2015 के बीच रैयताें की जमीन का अधिग्रहण किया था, लेकिन इन कंपनियों ने काम शुरू ही नहीं किया। साथ ही अदालत ने बताया कि एकरारनामे के ज्वाइंट वेंचर का कंपनियों ने पालन नहीं किया इस वजह से रैयतों को अधिकृत जमीन वापस की जाए।

बता दें कि जिन रैयतों को उनकी अधिग्रहित जमीन लौटाई गई है वे लोग बरबनिया और पसेरिया गांव के रहने वाले हैं। वहीं जिन कंपनियों ने अधिकृत जमीन को उपयोग नहीं किया उनमें जेएसडब्ल्यू स्टील, जय बालाजी इंडस्ट्रीज भूषण पावर एंड स्टील एंव रोहाने कोल कंपनी शामिल है।
 

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