CM हेमंत की पहल, मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 4 बच्चे दिल्ली में मुक्त, घर में कराया जा रहा पुनर्वास

Edited By Khushi, Updated: 24 Nov, 2022 12:03 PM

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झारखंड में हर साल काम के बहाने बहला-फुसलाकर कम उम्र के बच्चे-बच्चियों को मानव तस्कर राज्य से बाहर ले जाते हैं, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार ने इसके खिलाफ कमर कस ली है

रांची: झारखंड में हर साल काम के बहाने बहला-फुसलाकर कम उम्र के बच्चे-बच्चियों को मानव तस्कर राज्य से बाहर ले जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके खिलाफ कमर कस ली है और सीएम हेमंत के सार्थक प्रयास से मानव तस्करी के शिकार 4 बच्चों को दिल्ली से मुक्त करा कर उनके घरों में पुनर्वास किया जा रहा है।

माता-पिता की सहमति से की जाती है मानव तस्करी
दरअसल, मानव तस्करी के शिकार हुए 3 लड़के रांची जिले के हैं जबकि गुमला जिले की 1 लड़की है। झारखंड में ऐसे दलाल सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देते हैं और दिल्ली में ले जाकर उनका सौदा कर देते हैं। हैरान कर देने वाली बात ये है कि कई जगह मानव तस्करों के साथ बच्चों के माता-पिता की भी मिलीभगत होती है। ज्यादातर ऐसा होता है कि बच्चे अपने माता-पिता व रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में फंसकर मानव तस्करी का शिकार बनते हैं। बताया जा रहा है कि मानव तस्करी के शिकार हुए ये चारों बच्चे अलग-अलग समय पर दिल्ली पहुंचे थे। 3 बच्चों को दिल्ली पुलिस ने रेलवे स्टेशन से मुक्त कराया था। इनमें से 1 बच्ची को मानव तस्करी कर दिल्ली ले जाया गया था, जहां उसे एक कोठी में घरेलू काम के लिए बेचा गया था। वहां मासूम बच्ची से दिन-रात काम कराया जाता था। उसको पैसे भी नहीं दिए जाते थे। एक दिन बच्ची वहां से भाग निकली थी। भागने के दौरान किसी की नजर उस बच्ची पर पड़ी और तब उसे रेस्क्यू किया गया था। इस दौरान पता चला कि इन बच्चों को दलालों ने दिल्ली पहुंचाया था।

घरों में कराया जा रहा है पुनर्वास
इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक छवि रंजन ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि जिस भी जिले के बच्चे का रेस्क्यू किया जाएगा, उस जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने ही जिले में उस बच्चे का पुनर्वास करें। इसी कड़ी में रांची जिले की जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम बनाकर इन बच्चों को झारखंड लाकर पुनर्वास करने के लिए दिल्ली भेजा है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी वेद प्रकाश तिवारी एवं दुर्गा शंकर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चों को वापस झारखंड में उनके गृह जिले में पुनर्वासित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली में रेस्क्यू किये गए बच्चों को नई दिल्ली से ट्रेन से रांची लाया गया है।

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