Edited By Diksha kanojia, Updated: 23 Dec, 2021 10:38 AM
एक बार फिर उन्होंने जेपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन पर भाजपा नेताओं कटाक्ष किया। मुख्यमंत्री ने समापन संबोधन के मौके पर 53 मिनट के अपने भाषण में हर महत्वपूर्ण विषय का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की...
रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने अपने समापन भाषण में घोषणा की कि सरकार सभी झारखंड आंदोलनकारियों को पेंशन और आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण देगी। एक बार फिर उन्होंने जेपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन पर भाजपा नेताओं कटाक्ष किया।
मुख्यमंत्री ने समापन संबोधन के मौके पर 53 मिनट के अपने भाषण में हर महत्वपूर्ण विषय का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की नीतियों के कारण विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुबंधित कर्मी धरना-प्रदर्शन कर रहे है, वे लोगों से अपील करते है कि सभी धैर्य रखें, उनकी समस्याओं का 200 फीसदी समाधान होगा, जिस समस्या के समाधान का संभव होगा, उसका समाधान होगा। इसी संकल्पशक्ति का यह प्रमाण है कि 65 से 70 हजार पारा शिक्षकों की समस्या का भी समाधान किया है, शिक्षामंत्री ने लगातार कई बैठकें की।
सोरेन ने कहा कि झारखंड में यूनिवर्सल पेंशन योजना की शुरुआत की गयी है, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा और परित्यगता महिलाओं को भी पेंशन दिया जाएगा। दिव्यांगजनों के लिए 29 दिसंबर के बाद स्पेशल ड्राइव चलाकर चिह्नितीकरण का काम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले यहां का माहौल क्या था, उससे सभी वाकिफ हैं। हिंदू-मुस्लिम और अगड़-पिछड़ा के नाम पर इस राज्य में खाई पैदा कर दिया गया था। लेकिन अब उनकी सरकार शांत वातावरण तैयार कर रही है इसी का नतीजा है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक पारित हुआ है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि समाज के हर तबके की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकाल लिया है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि यहां के खदानों से खनिज तो निकाला जाता है लेकिन उसे रिसीव नहीं किया जाता। आलम यह है कि अगर झरिया, धनबाद और रामगढ़ में मेडिकल कैंप लगाया जाए तो 90प्रतिशत से ज्यादा लोग टीवी की बीमारी से ग्रसित मिलेंगे। सोरेन ने अपने संबोधन में आगे कहा कि सरकार आपके द्वार के जरिये हम वहां तक पहुंचे जहां पहले कभी सरकार नहीं पहुंची थी। राज्य में भाषा संस्कृति को जीवित रखने के लिए पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक लाया गया। मुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘जो-जो सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में नही जाएगा वो दोबारा इस सदन में नहीं आएगा।' सीएम ने कहा कि जल, जंगल, जमीन में राज्य के लोगों की आत्मा है। समय- समय पर जमीन अधिग्रहण के कानून बने लेकिन उन्हें प्रभावी नही बनाया गया।
सोरेन ने कहा कि ये सरकार सबको साथ लेकर चलना चाहती है। पहले माटी का कर्ज अदा करने का फर्ज है। पिछड़े वर्गों को अधिकार देने के लिए सरकार कटिबद्ध है।सीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि लंबे समय तक विपक्ष के साथियों को वनवास काटना पड़ेगा। कृषि विभाग में जेपीएससी का जो रिजल्ट आया है, किस कैटेगरी को जेपीएससी ने पूरा भर दिया है। अपना कोटा पूरा करने के बाद एसटी, एससी, ओबीसी अभ्यर्थियों ने जनरल कोटा में भी अपनी जगह बनाई। ये बीजेपी को नहीं दिखता है। विपक्ष के नेता ऐसे मुद्दों पर हाथ डाल रहे हैं जहां उनका ही जलना तय है। उन्होंने कहा कि जब दलित, ओबीसी, एसटी, एससी के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं तो मनुवादी सोच वाले लोगों के पेट में दर्द उठ रहा है। इन्हें नहीं सुहाता कि एससी, एसटी, ओबीसी के बच्चे बीडीओ, सीओ, आईएएस, आईपीएस बने।