Edited By Diksha kanojia, Updated: 21 May, 2022 05:18 PM
मुख्यमंत्री के तरफ से कहा गया है कि एक विधायक के रूप में लीज लेना किसी कानून के तहत अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। यह आयोग्य ठहराने के लिए प्रर्याप्त नहीं है। जवाब में यह कहा कि 17 मई 2008 को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन 10 वर्ष के लिए स्वीकृत की गयी...
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध खनन जुड़े मामले में निर्वाचन आयोग के नोटिस का जवाब विशेष प्रतिनिधि के द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजा गया। जानकारी के अनुसार पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने खुद को निर्दोष बताया है।
मुख्यमंत्री के तरफ से कहा गया है कि एक विधायक के रूप में लीज लेना किसी कानून के तहत अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। यह आयोग्य ठहराने के लिए प्रर्याप्त नहीं है। जवाब में यह कहा कि 17 मई 2008 को अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन 10 वर्ष के लिए स्वीकृत की गयी थी। 2018 में लीज नवीनकरण के लिए आवेदन दिया था, जो लैप्स हो गया। 2011 में फिर आवेदन मांगा गया। सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए माइनिंग लीज मिली। फिर 2021 में आवेदन मांगा गया। सभी प्रक्रियोंओं का पालन करते हुए माइनिंग लीज मिली। लीज कार्यान्वित करने की स्वीकृति नहीं मिली। 4 फरवरी 2022 को लीज सरेंडर भी कर दिया गया। इसलिए किसी भी कानून के तहत एक विधायक को आयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है।
गौरतलब है कि यह पूरा मामला पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 फरवरी को प्रेस वार्ता कर उठाया था और उसके बाद 11 फरवरी को उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था और राज्यपाल ने उसे निर्वाचन आयोग को सौंपा था, निर्वाचन आयोग को जवाब देने कि आज अंतिम तारीख है। हालांकि आज मंत्रालय में पत्रकारों द्वारा इसको लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोई जवाब नहीं दिया। इधर उधर की बात कर सवाल को टालते हुए नजर आए।