Edited By Diksha kanojia, Updated: 20 Jul, 2021 02:01 PM
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईश्वर ने धरती पर मौजूद जल, जंगल, जमीन मानव सभ्यता एवं जीवन के लिए एक ऐसा प्राकृतिक व्यवस्था के रूप में हमें दिया है जिसके माध्यम से हमसभी लोग अपना जीवन यापन करते हैं। इन प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ अथवा इनका दोहन करना...
रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पर्यावरण और मानव जीवन के बीच बेहतर समन्वय बनाने की जरूरत पर बल देते हुए सोमवार को कहा कि प्रकृति संरक्षण सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
सोरेन ने झारखंड विधान सभा परिसर स्थित सभागार में आयोजित 72वें वन महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण से छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि वर्षों-महीनों जंगलों में आग लगते देखा जाता है, कहीं नदियां सूख रही हैं तो कहीं बाढ़ का प्रकोप, तुफान, बेमौसम बारिश, देश और दुनिया में अनेकों प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं देखी और सुनी जा रही हैं। इन सभी आपदाओं का मानव जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईश्वर ने धरती पर मौजूद जल, जंगल, जमीन मानव सभ्यता एवं जीवन के लिए एक ऐसा प्राकृतिक व्यवस्था के रूप में हमें दिया है जिसके माध्यम से हमसभी लोग अपना जीवन यापन करते हैं। इन प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ अथवा इनका दोहन करना जीवन के लिए खतरे की घंटी है। पर्यावरण और मानव जीवन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना आवश्यक है। सरकार के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी प्रकृति संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।''