Edited By Diksha kanojia, Updated: 06 May, 2021 04:54 PM
झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में बताया गया है कि पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रमिकों की वापसी हो रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा है।...
रांचीः झारखंड में कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण और देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश में बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को रैपिड एंटीजन टेस्ट और एक सप्ताह के लिए पृथकवास जरूरी कर दिया है।
झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में बताया गया है कि पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रमिकों की वापसी हो रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा है। इसमें कहा गया है कि इसे देखते हुए हुए राज्य सरकार ने प्रदेश आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों का कोरोना जांच करवाने का फैसला किया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि जिन श्रमिकों का रैपिड टेस्ट निगेटिव आएगा उन सभी को उनके जिलों में बनाये गए सरकारी केन्द्रों पर सात दिनों के लिए पृथकवास किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि सात दिनों के बाद उनका एक बार फिर रैपिड कोविड टेस्ट किया जायेगा और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें उनके गांव में जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा जिन श्रमिकों का एक भी रैपिड कोविड टेस्ट पाजिटिव आएगा उनका इलाज वगैरह स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशों के अनुरूप कराया जाएगा जिसके बाद ही वह भी अपने गांव जा सकेंगे।