कम बारिश के कारण झारखंड के ज्यादातर जलाशयों के जलस्तर में आई भारी गिरावट

Edited By Diksha kanojia, Updated: 07 Aug, 2022 10:32 AM

due to less rain there was a huge in water level of most of reservoirs

राज्य जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (निगरानी) मोतीलाल सिंह ने कहा कि यदि मॉनसून की बारिश कम हुई, तो इससे आने वाले महीनों में पेयजल संकट पैदा हो सकता है और सिंचाई के लिए कृषि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बढ़ सकती है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने इस सप्ताह...

रांचीः पूरे झारखंड में बारिश की कमी के कारण राज्य के ज्यादातर जलाशयों में जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पूरे झारखंड में बारिश की कमी के बीच राज्य के 56 जलाशयों में, कुछ को छोड़कर, जलस्तर में भारी गिरावट आई है।

राज्य जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (निगरानी) मोतीलाल सिंह ने कहा कि यदि मॉनसून की बारिश कम हुई, तो इससे आने वाले महीनों में पेयजल संकट पैदा हो सकता है और सिंचाई के लिए कृषि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बढ़ सकती है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने इस सप्ताह 56 जलाशयों में पानी की उपलब्धता की समीक्षा की और एक या दो को छोड़कर लगभग सभी जलाशयों की क्षमता की तुलना में जल स्तर में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी पाई। केवल 40 प्रतिशत (भंडारण क्षमता का) भरा हुआ है।'' उन्होंने कहा कि जलाशयों में गिरते जलस्तर ने पहले ही खरीफ की खेती को प्रभावित किया है क्योंकि राज्य में कुल बुवाई का दायरा 27.35 प्रतिशत दर्ज किया गया, जबकि धान की बुवाई बृहस्पतिवार तक 17.43 प्रतिशत थी।

सिंह ने कहा, ‘‘यदि राज्य में मॉनसून के मौजूदा चरण में पर्याप्त बारिश नहीं होती है, तो आने वाले महीनों में इसे पीने के पानी के संकट का सामना करना पड़ सकता है।'' उन्होंने कहा कि जिन जलाशयों में पानी का स्तर गिर रहा है उनमें बोकारो जिले का तेनुघाट बांध भी शामिल है, जिसमें 81,440 हेक्टेयर मीटर की क्षमता के मुकाबले वर्तमान में लगभग 17,800 हेक्टेयर पानी का भंडारण है। इसकी क्षमता 3,047 हेक्टेयर मीटर की तुलना में, गढ़वा में अनराज जलाशय में वर्तमान में 1,116 हेक्टेयर मीटर पानी है। राज्य जल संसाधन विभाग के अनुसार, पलामू में मलाई जलाशय में संग्रहित पानी 2,854 हेक्टेयर मीटर के मुकाबले 1,473 हेक्टेयर मीटर है। राज्य में बृहस्पतिवार तक 46 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘एक जून से चार अगस्त तक केवल 297.2 मिमी वर्षा हुई, जबकि इस अवधि के दौरान सामान्य वर्षा 549.3 मिमी थी। छह जिले 60 प्रतिशत से अधिक की कमी का सामना कर रहे हैं, जबकि जामताड़ा जिले में सबसे अधिक 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।'' कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने हाल में झारखंड विधानसभा में कहा था कि झारखंड को 15 अगस्त के बाद सूखा प्रभावित राज्य घोषित किया जा सकता है, क्योंकि इस तारीख को धान की बुवाई की समय सीमा माना जाता है। सिंह ने कहा कि हालांकि, रांची में तीन प्रमुख बांधों - गेतलसूद, ध्रुवा और कांके में जलस्तर की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।

इस बीच, अधिकारियों ने यह भी आशंका जताई कि खराब वर्षा भूजल संसाधन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। स्वच्छता विभाग मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने दावा किया कि ‘‘भूजल की स्थिति अभी भी इतनी खराब नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भूजल स्तर की निगरानी के लिए प्रत्येक पंचायत में हर महीने दो नलकूपों की जांच की जाती है। ऐसी खबरों के आधार पर हम कह सकते हैं कि अभी भी स्थिति इतनी खराब नहीं है।'

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!