Edited By Diksha kanojia, Updated: 16 Mar, 2022 06:15 PM
राज्य के प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देवघर जिला अस्पताल में जुलाई 2018 से मार्च 2019 के बीच 4185 मरीजों को डेक्सोना का नकली इंजेक्शन लगाया गया था।
रांचीः झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है और रामगढ़ जिला अस्पताल में नवंबर 2018 से जनवरी 2019 तक 410 बच्चों को हेपेटाइटिस बी का एक्सपायर्ड टीका लगाया गया है। बच्चों को जो इंजेक्शन लगाया गया था, वो अक्टूबर 2018 में ही एक्सपायर हो चुका था।
राज्य के प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देवघर जिला अस्पताल में जुलाई 2018 से मार्च 2019 के बीच 4185 मरीजों को डेक्सोना का नकली इंजेक्शन लगाया गया था। 25 जुलाई 2018 और 23 जनवरी 2019 के बीच देवघर जिला अस्पताल को डेक्सोना दो एमएमएल इंजेक्शन की 17500 शीशियां निर्गत की गई थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने उस बैच के इंजेक्शन के नमूने को 30 जुलाई 2018 को जांच के लिए गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा। जहां इंजेक्शन को नकली घोषित किया गया।
इसके बाद फिर देवघर सिविल कोर्ट के आदेश पर सीडीएल कोलकाता में दोबारा नमूने की जांच की गई। इस बार फिर इंजेक्शन की गुणवत्ता मानक के मुताबिक नहीं मिली। इस बीच देवघर के स्टोर से 17,500 में से 4185 इंजेक्शन की शीशियां जारी कर दी गई। जो मार्च 2019 तक मरीजों को दी गई। इतना ही नहीं इंजेक्शन के सब स्टैंडर्ड पाए जाने की सूचना मिलने के बाद भी 12 मार्च से 31 मार्च 2019 के बीच 309 मरीजों को इंजेक्शन दिया गया था।