Edited By Ramanjot, Updated: 14 Jan, 2022 08:20 PM
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री तथा इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मगध फाउंडेशन के अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने आज भारत सरकार से अविलंब कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दया प्रकाश सिन्हा को प्रदत्त साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाए।...
रांचीः भारतीय जनता पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से कथित रूप से जुड़े लेखक दया प्रकाश सिन्हा के सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से किए जाने पर बिहार की राजधानी पटना में गरम हुए सियासी तापमान की लपटें अब पड़ोसी राज्य झारखंड तक पहुंच गई हैं।
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री तथा इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मगध फाउंडेशन के अध्यक्ष के एन त्रिपाठी ने आज भारत सरकार से अविलंब कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दया प्रकाश सिन्हा को प्रदत्त साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री सम्मान वापस लिया जाए। ज्ञातव्य हो कि पूर्व आईएएस अधिकारी दया प्रकाश सिन्हा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी। उनके इस बयान की जदयू एवं राजद के नेताओं ने निंदा करते हुए भाजपा से उन पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग किया है।
इसी कड़ी में शामिल होते हुए के एन त्रिपाठी कहा कि सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करना मगध के स्वर्णिम इतिहास को विकृत करने का प्रयास है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि मगध का एक गौरवमयी अतीत रहा है। चाणक्य और चंद्रगुप्त द्वारा स्थापित मौर्य वंश के महान शासक सम्राट अशोक के शासनकाल को इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं।