Edited By Diksha kanojia, Updated: 12 Sep, 2021 10:49 AM
डॉ. भगत ने शनिवार को कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार पिछड़ा विरोधी है और लाठी-डंडे तथा केस-मुकदमों के दम पर उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर मार्च कर रहे निहत्थे कार्यकर्ताओं पर सरकार पहले अंधाधुंध...
रांचीः झारखंड में आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि पिछले दिनों रांची में पिछड़ों के वाजि़ब हक-अधिकार की मांग को लेकर सामाजिक न्याय मार्च पर निकले निहत्थे कार्यकर्ताओं पर हुए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज ने हेमंत सरकार के असली चेहरे को उजागर कर दिया है।
डॉ. भगत ने शनिवार को कहा कि झामुमो महागठबंधन की सरकार पिछड़ा विरोधी है और लाठी-डंडे तथा केस-मुकदमों के दम पर उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर मार्च कर रहे निहत्थे कार्यकर्ताओं पर सरकार पहले अंधाधुंध लाठियां चलवाती है और फिर उन्हीं पर मुक़दमा भी दर्ज करवाती है। यह पूरा घटनाक्रम किसी फिल्मी पटकथा से कम प्रतीत नहीं होता, जिसमें षड्यंत्र रचने वाला पर्दे के पीछे से पूरा स्क्रिप्ट लिख रहा है और झारखण्ड पुलिस उस स्क्रिप्ट का अक्षरश: अनुपालन कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी नारों और मेनिफेस्टो में पिछड़ों के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पार्टी को आजसू पार्टी ने स्मरण पत्र के जरिए उन वादों-नारों को याद करवाया और सरकार बौखला गई।
इस पूरे घटनाक्रम ने सरकार के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश कर दिया है। झामुमो महागठबंधन सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। लेकिन आजसू पार्टी पिछड़ों की हकमारी अब और नहीं होने देगी। सामाजिक न्याय मार्च तो बस एक शुरुआत है। डॉ. भगत ने कहा कि आरक्षण महज गरीबी उन्मूलन या आर्थिक सुधार योजना नहीं है। यह देश और राज्य में समानुपातिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था है। जबतक सामाजिक न्याय झारखंड के पिछड़ों, नौजवानों एवं महिलाओं को नहीं मिल पाएगा, तब तक वे खुद को उस स्तर तक स्थापित नहीं कर पाएंगे, जहां उनका हक है। पिछड़ों के मुद्दे पर आजसू पार्टी और मुखर होगी और एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व करेगी।