सरयू राय का आरोप- कोरोना काल में बेहतर काम के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने लिया एक माह का अतिरिक्त वेतन

Edited By Diksha kanojia, Updated: 14 Apr, 2022 10:01 AM

health minister took 1 month extra salary for better work during corona period

राय ने बुधवार को जारी अपने इस पत्र में आरोप लगाया है, ‘‘स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के विरोध एवं उचित सलाह को दरकिनार करते हुए न सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री एवं कांग्रेस के विधायक बन्ना गुप्ता ने कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की...

 

रांचीः झारखंड के पूर्व मंत्री एवं निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य में कोरोना काल में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वयं एक माह का अतिरिक्त वेतन लिया है।

राय ने बुधवार को जारी अपने इस पत्र में आरोप लगाया है, ‘‘स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के विरोध एवं उचित सलाह को दरकिनार करते हुए न सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री एवं कांग्रेस के विधायक बन्ना गुप्ता ने कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सूची में जबरन पहला नाम अपना डाला बल्कि उन्होंने साठ लोगों की इस सूची में अपने सभी आप्त सचिवों, टाइपिस्टों, अंगरक्षकों एवं निजी सहायकों तथा चहेते लोगों के नाम डालकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उन्हें वित्तीय वर्ष के अंत में आनन-फानन में कुल 92 लाख 99 हजार रुपए भुगतान करवा दिया।''

इन आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘सरयू राय को मुख्यमंत्री को नहीं, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत करनी चाहिए। उन्हें कुछ काम नहीं है, इसलिए वह केवल दूसरों को परेशान करना जानते हैं।'' गुप्ता ने हालांकि कहा, ‘‘सरयू राय जो भी आरोप लगा रहे हैं, उक्त मामले की मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है।'' गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को एक महीने का मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का फैसला किया था। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक राय ने पत्र में कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्री गुप्ता ने कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि खुद तो ली ही, साथ ही उन्होंने अपने आप्त सचिवों, निजी, सहायकों और अंगरक्षकों समेत 60 लोगों को भी अवैध ढंग से यह प्रोत्साहन राशि दिलायी।''

उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि यह बात अलग है कि मंत्री के अपने शहर जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में अनुबंध पर काम करने वाले और कोरोना काल में लगातार लोगों की सेवा करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को आज तक प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है। राय ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह इस घोर वित्तीय अनियमितता के लिए स्वास्थ्य मंत्री पर तत्काल कारवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने पत्र में कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में गठित समिति ने प्रोत्साहन राशि की पात्रता श्रेणी में आने वाले 94 स्वास्थ्यकर्मियों की सूची तैयार की थी लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी गयी जिसमें मंत्री बन्ना गुप्ता का नाम सबसे ऊपर अंकित है। राय ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिवों, निजी सहायकों, लिपिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, आठ वाहन चालकों, चार सफाईकर्मियों और मंत्री की सुरक्षा में नियुक्त, प्रतिनियुक्त कुल 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों में शामिल किया गया है।''

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