Jharkhand: नेत्रहीन बच्चों के शैक्षणिक विकास में जुटी हेमंत सोरेन सरकार

Edited By Umakant yadav, Updated: 28 Mar, 2021 12:32 PM

hemant government engaged in educational development of blind children

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार ने एनी स्मार्ट क्लास के जरिये नेत्रहीन छात्रों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करना आरम्भ किया है। एनी स्मार्ट...

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में प्रदेश भर में 4,500 मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा की है और इस दिशा में कार्य भी आरंभ हो चुका है। मॉडल स्कूलों के विकास के साथ-साथ बेहतर शिक्षा के लिए अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। इसी के तहत स्कूलों में स्टेम लैब की स्थापना की जा रही है और अब झारखण्ड के कुछ जिलों में नेत्रहीन छात्रों के लिए मॉडल स्कूलों का शुभारम्भ किया गया है।

राज्य सरकार ने एनी स्मार्ट क्लास के जरिये नेत्रहीन छात्रों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करना आरम्भ किया है। एनी स्मार्ट क्लास के माध्यम से छात्र हिंदी, अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं को सीख सकेंगे राजधानी रांची में नेत्रहीन छात्रों के लिए एक स्कूल को मॉडल ब्लाइंड स्कूल में अपग्रेड किया गया था। इसके बाद गिरिडीह के अजीडीह में मॉडल ब्लाइंड स्कूल का उद्घाटन हुआ। यहां करीबन 50 नेत्रहीन बच्चों को स्मार्ट क्लास का लाभ मिलेगा। 

स्कूलों को बेंगलुरु स्थित लर्निंग स्टार्ट-अप कंपनी थिंकर बेल द्वारा विकसित एनी उपकरणों से लैस किया गया है। ब्लाइंड मॉडल स्कूल की अवधारणा इस डिजिटल युग में द्दष्टिबाधित छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सशक्त बनाने के उदेश्य से शुरू की जा रही है। एनी स्मार्ट क्लास एक सेल्फ लर्निंग डिवाइस है, जो नेत्रहीन छात्रों को शिक्षित होने में सहायता करती है। इस डिवाइस के जरिए छात्र हिंदी, अंग्रेजी व अन्य भाषाओं को सीख सकते हैं।

स्मार्ट क्लास में टेलर फ्रेम, अबाकस, टाइप्स, इंटर प्वाइंट, वुडेन स्लेट, नंबर प्लेट व अन्य मशीनी उपकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावे, बच्चों के लिए गेम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी आंनद उठा सकें। ऐसे स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच और पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है ताकि नेत्रहीन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधा मुहैया कराया जा सके।              

राज्य सरकार द्वारा नेत्रहीन बच्चों को आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की व्यवस्था से निश्चित तौर पर बच्चों के लिए नया आयाम साबित होगा। स्मार्ट शिक्षण से बच्चों में पढ़ने की और अधिक रूचि उत्पन्न होगी क्योंकि अब तक नेत्रहीन बच्चों को परम्परागत तरीके से पढ़ाया जाता था, मगर इस डिवाइस से आसानी से नेत्रहीन बच्चे पढ़ सकेंगे। 

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