पूर्ववर्ती सरकार का खामियाजा भुगत रही हेमंत सरकार, सेल से अब तक नहीं मिली 3000 करोड़ की रॉयल्टी

Edited By Umakant yadav, Updated: 13 Mar, 2021 04:28 PM

hemant government has not received royalty of 3000 crore from sail yet

झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार में भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) को पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत लौह अयस्क खनन पट्टों का अवधि विस्तार रॉयल्टी पर अतिरिक्त शुल्क बिना दिये अगले 20 वर्षों के लिए कर दिया गया, जिससे राज्य सरकार को करीब तीन हजार करोड़...

रांची: झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार में भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) को पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत लौह अयस्क खनन पट्टों का अवधि विस्तार रॉयल्टी पर अतिरिक्त शुल्क बिना दिये अगले 20 वर्षों के लिए कर दिया गया, जिससे राज्य सरकार को करीब तीन हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।  

खान एवं भूतत्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिमी सिंहभूम जिले में सेल के लौह अयस्क खनन पट्टों का अवधि विस्तार एमएमजीसी रूल्स 2015 के तहत दी गयी हैं। सरकारी कंपनी के खनन पट्टा अवधि विस्तार को लेकर सेल को नियमानुसार विभाग की ओर से देय राशि के भुगतान का मांग पत्र दिया गया था, लेकिन सेल ने यह राशि राज्य सरकार को देने के बजाय हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर दी, जो अभी विचाराधीन है।       

गुवा माइंस के खनन पट्टा नवीकरण के लिए सेल पर 687.41 करोड़ बकाया है, वहीं किरुबुरू और मेघाताबुरू माइंस के लिए 2223.86 करोड़ और मनोहरपुर खनन पट्टा के लिए 69.10करोड़ का रॉयल्टी पर अतिरिक्त शुल्क बकाया है। पिछली सरकार में यह राशि वसूले बिना अगले 20वर्ष के लिए लीज नवीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। यदि लीज नवीकरण के पहले राशि ले लिया जाता, तो राज्य सरकार को 2980.38 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो जाता। अब राज्य सरकार यह राशि लेने के लिए कोर्ट का चक्कर लगा रही है।

 

 

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