Edited By Diksha kanojia, Updated: 06 Sep, 2021 04:12 PM
दास ने रविवार को कहा कि इस सरकार की जनता की अदालत में ही नहीं, न्यायिक अदालतों में भी बार-बार फजीहत हो रही है, लेकिन सरकार के खैरख्वाह इस सरकार को सदाबहार एवरग्रीन कर साबित करने में लगे हैं। इसे ही नागपुरिया में थेथर, भोजपुरी में बेहया और हिंदी में...
रांचीः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार न केवल मगरूर है बल्कि बेशर्म भी है। दास ने रविवार को कहा कि इस सरकार की जनता की अदालत में ही नहीं, न्यायिक अदालतों में भी बार-बार फजीहत हो रही है, लेकिन सरकार के खैरख्वाह इस सरकार को सदाबहार एवरग्रीन कर साबित करने में लगे हैं। इसे ही नागपुरिया में थेथर, भोजपुरी में बेहया और हिंदी में बेशर्म कहते हैं।
लोगराज में लोकलाज छोड़कर हेमंत सरकार अपने निकम्मेपन पर इतरा रही है और हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुनने के बाद भी अपनी चाल बदलने के लिए तैयार नहीं है। उसकी सारी ऊर्जा विपक्षी नेताओं पर फर्जी मुकदमे लादने, उन्हें फंसाने और कायदा कानून को ठेंगा दिखाने में खर्च हो रही है। अभी 2 सितंबर को ही झारखंड उच्च न्यायलय ने 2 मामले की सुनवाई करते हुए सरकार के बारे में जो कुछ कहा वह किसी पानीदार सरकार को बेपानी करने के लिए काफी है।
दास ने कहा कि झारखंड के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि सरकारी योजनाएं फेल हो गई हैं, गांव तथा गरीबों तक ना राशन पहुंच रहा है ना पीने का पानी, न बिजली, न गैस चूल्हा। गांवों को भुखमरी की समस्या ने घेर लिया है। इस बारे में सरकार 2 सप्ताह में जवाब दे। हाईकोर्ट भूख से एक बिरहोर की मौत के मामले की सुनवाई कर रहा था। एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2 सितंबर को ही कहा कि यदि जेपीएससी संवैधानिक संस्था नहीं होती तो उसे बंद करने का आदेश जारी कर देते। अदालत ने इस मामले में भी शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।