पासवा की मांग- सरकारी शिक्षकों को अपने बच्चे को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना हो अनिवार्य

Edited By Diksha kanojia, Updated: 13 Sep, 2021 05:59 PM

mandatory for government teachers to teach their child in government schools

दुबे ने कहा कि पासवा की ओर से जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों के माध्यम से अभिभावकों को जोड़ कर उड़न दस्ता तैयार किया गया है। साथ ही संचार एवं सूचना तकनीक के इस दौर में संगठन के पदाधिकारी सरकारी स्कूलों में जाएंगे और वहीं से वीडियो जारी करेंगे। यह आज...

रांचीः प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने झारखंड सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार एक अध्यादेश लाए, जिसमें सरकारी शिक्षकों को अपने बच्चे को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य हो।

पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने सोमवार को कहा कि शिक्षकों के सेवा शर्तों में भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में ही पढ़ायेंगे। साथ ही साथ शिक्षक जिस स्कूल में पदस्थापित है, उनके बच्चे उसी स्कूल में पढ़ना चाहिए, जो शिक्षक ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। शिक्षक अपने बच्चों को खुद सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे, तो आम जनता भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला देगी।

दुबे ने कहा कि पासवा की ओर से जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों के माध्यम से अभिभावकों को जोड़ कर उड़न दस्ता तैयार किया गया है। साथ ही संचार एवं सूचना तकनीक के इस दौर में संगठन के पदाधिकारी सरकारी स्कूलों में जाएंगे और वहीं से वीडियो जारी करेंगे। यह आज कड़वी सच्चाई बन चुकी है कि प्राइवेट स्कूल बच्चों को पढ़ाते है, जबकि सरकारी स्कूलों में फर्जी काम हो रहे हैं। दाल-भात पकाओ, खाओ, दस-दस, बीस-बीस साल से शिक्षक एक ही जगह पर पदस्थापित है और स्कूल भी नहीं जाते हैं। कई प्राचार्यां और शिक्षा के अधिकारियों के खुद के भी प्राइवेट स्कूल हैं, जिसकी सूची जल्द ही जारी की जाएगीदूबे ने कहा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं है।

इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता जबकि सरकारें चाहे केन्द्र की हो या राज्य की हर सुविधा उपलब्ध कराती है, एक एक शिक्षक की तनख्वाह हजारों और लाखों में होती है। पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बिहार में उच्च न्यायालय ने सरकार से जानकारी मांगी है कि बड़े अधिकारी और सरकारी मुलाजिमों के कितने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते है। झारखंड में भी पासवा की ओर से जनहित याचिका दायर कर जानकारी मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल के खिलाफ नेतागिरी करने वाले और बयानबाजी करने वाले लोगों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला कराना चाहिए, फिर प्राइवेट स्कूलों के बोले, अन्यथा उन्हें प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

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